अजमेर। छोटी से छोटी चीज जो भी आप अपनी जिंदगी में देखते हैं उसे अपने जीवन के साथ जोड़ें, उसको दिमाग में उतारे, उसके आकार को पहचाने, अपने जीवन में उतारे, संवेदशील बन उसे प्रस्तुत करें, चाहे वह आप किसी भी माध्यम से करें शब्दों से, पेंटिंग से या फोटोग्राफ से वही असली कलाकार होता है।
उक्त विचार प्रसिद्द कलाकार राम जैसवाल ने लोक कला संस्थान की और से विश्व कला दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने नवोदित कलाकारों को सीख देते हुए कहा की जो आप बनाते हैं, जो आप जो चाहते हैं, उसी से ही आपकी पहचान बनती है।
उस चीज को ऐसा बनाइए कि वह आपसे आपके भीतर से जुड़ी रहे जिससे कि कोई उसे देखे तो आपके चेहरे व भाव से पता चले की वह आपने बनाई है और इसी तरह आप अपनी एक छवि अपने काम के साथ छोड़ सकते हैं।
कलाकार बनने के पहले अच्छा देखें अच्छा सुनें और अच्छा बनने की सबसे पहले कोशिश करें, दुख से दुखी हो और सुख से सुखी, इन भावों के साथ कलाकार को सौंदर्य देखने के लिए पहले कोशिश करनी चाहिए बाद में दूसरा कुछ देखें।
कार्यक्रम का सय्योजन करते हुए पृथ्वीराज फाउंडेशन के संयोजक दीपक शर्मा ने कहा की लुप्त होती कलाओं का संरक्षण हमारे समाज व संस्कृति का संरक्षण होगा।
मॉडर्न आर्ट मैं जीवन शैली और विभिन्न आयामों को दर्शाया जाता है जबकि प्राचीन आर्ट जैसे मांडना, गोंड, थापा, सांझी, वारली आदि में हमारे तीज त्यौहार, समाज, प्राचीन कहानियां, देवी-देवताओं की जीवन शैलियां व संस्कृति आदि का वर्णन किया जाता है जिसकी जानकारी होना युवाओं के लिए बहुत अनिवार्य है।
लोक कला संस्थान के निदेशक संजय कुमार सेठी ने इस अवसर पर कहा की लोक कलाओं से जुड़े कलाकार बहुत निम्नतम क्षेत्र से बाहर आए हैं, उनकी कला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करते हुए भी कलाकार आज तक समृद्ध नहीं है इसके लिए सरकार को कुछ अलग से योजना बनानी चाहिए।
उन्होंने बताया की लोक कला संस्थान ने विगत कई वर्षो से गृहिणियों, विद्यार्थियों, व निम्न वर्ग की बालिकाओ को लोक कला का प्रशिक्षण व छिपी हुई प्रतिभाओ को मंच प्रदान किया है।
इससे पूर्व संस्थान के सदस्यों ने राम जैसवाल का माल्यार्पण कर उन्हें श्रीफल, स्मृति चिन्ह देकर शाल ओढ़ाकर अभिनन्दन किया। भीषण गर्मी से पक्षियों को राहत के उद्देश्य से संस्थान के कलाकार अलका शर्मा और मेघा जैन द्वारा निर्मित कलात्मक परिंडों का वितरण भी किया गया।
इस अवसर पर इंदु खंडेलवाल, योगबाला वैष्णव, रेखा शर्मा, मुस्कान जैन, ज्योति प्रजापति, मृदुला चौरसिया, आकांक्षा शर्मा, मालती टॉक, श्वेता शेखावत, नलिनी व गिरीश बिंदल उपस्थित थे।