सना । यमन की राजधानी सना में हुए हवाई हमले में 140 लोगों से अधिक की मौत हो गई है जबकि इस हमले में करीब 525 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इसकी पुष्टि सना के स्वास्थ्य अधिकारियों की शुरुआती रिपोर्ट्स में भी किया गया है। यह हमला उस वक्त हुआ जब एक जनाजे में काफी संख्या में लोग एकजुट हुए थे। यमन में नियुक्त यूनाइटेड नेशंस के अधिकारी के मुताबिक इस हमले को सऊदी गठबंधन सेनाओं ने अंजाम दिया है। हालांकि गठबंधन सेना ने इस तरह के किसी हमले से साफ इंकार किया है।
अमेरिका ने की निंदा
इस हमले की चौतरफा आलोचना हो रही है। खुद अमेरिका ने कहा है कि सऊदी अरब उसके लिए किसी ब्लैंक चेक की तरह नहीं है। अमेरिका ने यह भी कहा है कि वह सऊदी को समर्थन देने के बारे में दोबारा विचार जरूर करेगा। वहीं सऊदी अरब का कहना है कि वह इसकी जांच करवाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
यमन में यूएन के ह्यूमैनिटेरिअन को-ऑर्डिनेटर जैमी मैकगोल्ड्रिक ने बताया कि मदद करने वाले सभी लोग इस हमले से बेहद दुखी और गुस्सा हैं। हमला एक कम्युनिटी हॉल पर हुआ जहां कई लोग एक जनाजे में शोक जताने आए थे। यूएन के सहायता कर्मियों ने मामले में तुरंत जांच करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मासूम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पूरा जोर लगाना होगा। मैकगोल्ड्रिक ने कहा,’यमन में आम लोगों के खिलाफ हिंसा पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।
अब तक का सबसे बड़ा हमला
यह हमला यमन में हुए अब तक के सबसे भयानक हमलों में से एक है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक,जब से यमन के राष्ट्रपति अबेद्राबो मंसूर हादी के समर्थन में ऐसे हवाई हमले होने हुए शुरु हुए हैं तब से अब तक 6,700 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, सऊदी गठबंधन सेना ने अपने बयान में कहा है कि वह लोगों के समूह को इस तरह निशाना नहीं बनाती और हमले में उसका हाथ नहीं है।
गौरतलब है कि यमन अरब के सबसे गरीब देशों में से एक है। यहां मार्च 2015 में सऊदी गठबंधन सेना ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ हवाई युद्ध शुरू कर दिया था। हूती विद्रोही यमन की सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं जबकि सऊदी अरब और उनके साथ देश यमन सरकार की मदद कर रहे हैं। ये देश यमन सरकार को सैन्य मदद पहुंचा रहे हैं। हूती विद्रोहियों का अभी भी राजधानी सना पर कब्जा है।