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थोक मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 5.7 प्रतिशत पर आई - Sabguru News
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थोक मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 5.7 प्रतिशत पर आई

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थोक मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 5.7 प्रतिशत पर आई
WPI inflation eases to 5.7 percent in March on softer fuel price
WPI inflation eases to 5.7 percent in March on softer fuel price
WPI inflation eases to 5.7 percent in March on softer fuel price

नई दिल्ली। विनिर्माण वस्तुओं के दाम में नरमी से थोक कीमत सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 5.7 प्रतिशत पर आ गयी। हालांकि इस दौरान खाद्य वस्तुएं महंगी हुई।

थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इस साल फरवरी में 6.55 प्रतिशत थी। पिछले साल मार्च में थोक मुद्रास्फीति में 0.45 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं की कीमत में मार्च में 3.12 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि हुई जबकि इससे पूर्व माह में इसमें 2.69 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

इसका प्रमुख सब्जियों के दाम में उछाल है। सब्जियों की महंगाई दर 5.70 प्रतिशत रही। फलों के मामले में मुद्रास्फीति 7.62 प्रतिशत रही। वहीं अंडा, मांस और मछली की महंगाई दर 3.12 प्रतिशत रही।

ईंधन मुद्रास्फीति आलोच्य महीने में घटकर 18.6 प्रतिशत रही जो फरवरी में 21.02 प्रतिशत थी। विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति में कुछ नरमी दिखी। मार्च में इसकी मुद्रास्फीति 2.99 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व महीने में 3.66 प्रतिशत थी।

सरकार ने जनवरी की मुद्रास्फीति को संशोधित कर 5.53 प्रतिशत कर दिया है। अस्थायी अनुमान में इसके 5.25 प्रतिशत रहने की बात कही गयी थी।

इस महीने की शुरूआत में रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति के उपर जाने का जोखिम का हवाला देते हुए प्रमुख नीतिगत दर को लगातार तीसरी द्विमासिक समीक्षा में 6.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा था। हालांकि केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो 0.25 प्रतिशत कम कर 6 प्रतिशत कर दिया।

आरबीआई ने 2017-18 की पहली छमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।

पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में बढ़कर पांच महीने के उच्च स्तर 3.81 प्रतिशत पर पहुंच गई। रिजर्व बैंक खुदरा मुद्रास्फीति के आधार पर ही मौद्रिक नीति तय करता है।