नई दिल्ली। वर्ष1993 मुम्बई सीरियल बम बस्लाट के दोषी याकूब मेनन की फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। उच्चतम न्यायालय ने उसकी ओर से दाखिल क्यूरेटिव पिटीसन को मंगलवार को खारिज कर दिया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पहले ही मेनन की दया याचिका को ठुकरा चुके हैं।
मेनन अभी नागपुर जेल में बंद है,जहां उसकी फांसी की तैयारी भी पूरी कर ली गई है। 30 जुलाई को सुबह सात बजे मेनन को फांसी दे दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि मुम्बई में 12 मार्च 1993 को हुए बम विस्फोट में 260 से अधिक लोग मारे गए थे, जबकि सात सौ से अधिक लोग घायल हो गए थे।
मुम्बई के टाडा कोर्ट में 15 सालों तक चले इस मुकदमे में जुलाई 2007 में विशेष टाडा न्यायाधीश पी डी कोदे में सजा सुनाई थी।
याकूब मेनन के अतिरिक्त इस बम बस्लाट में कुल 123 अभियुक्त हैं जिसमें से 12 अभियुक्तों को निचली आदालत ने मौत की सजा सुनार्इ् है।
20 लोगों को उम्र कैद की सजा निचली आदालत ने सुनाई,जिसमें दो की मौत हो चुकी है। इस घटना में 68 लोगों को उम्र कैद से कम की सज़ा सुनाई गई थी जबकि 23 लोगों को निर्दोष माना गया था।
मुम्बई सीरियल बम बलास्ट में संजय दत्त, दाऊद इब्राहिम, अबु सलेम,टाइगर मेमन मुख्य अभियुक्त हैं। इसमें अबु सलेम जेल में बंद है। दाउद इब्राहिम भारत से बाहर है।