पटना। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने बुधवार को केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह पर लगे आरोपों का बचाव कर अपना उच्च नैतिक आधारा खो दिया है।
सिन्हा ने एक न्यूज चैनल से कहा कि मैं इस मामले की योग्यता पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, क्योंकि यह जांच का विषय है। लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि जिस तरीके से केंद्रीय मंत्री इस मामले में मैदान में कूदे हैं.. वह एक केंद्रीय मंत्री हैं, न कि जय शाह के चाटर्ड अकाउंटेंट।
सिन्हा ने इसके अलावा अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता को जय शाह का मामला लेने की अनुमति देने की भी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि इसे टाला जा सकता था और ऐसा नहीं होना चाहिए था। जिस विशेष परिस्थिति में अतिरिक्त महाधिवक्ता को संबंधित व्यक्ति के बचाव की अनुमति दी गई है, उससे भी कई मुद्दे खड़े होते हैं और मेरी समझ से इससे भी बचा जाना चाहिए था।
पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि इन सब को देखते हुए कहा जा सकता है कि इतने और सालों में जो हमने उच्च नैतिक जमीन तैयार की थी, उसे खो दी है।
जय शाह की कंपनी ने कथित रूप से साल 2015 में 80 करोड़ रुपए का कारोबार दर्ज किया था, जबकि इसके पिछले साल कंपनी का कारोबार महज 50,000 रुपए था।
सिन्हा से यह पूछा गया कि क्या इस मामले ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को नुकसान पहुंचाया है।
उन्होंने कहा कि मैं विस्तार में नहीं जाना चाहता। लेकिन एक घटना हुई है। आपकी प्रतिक्रिया ही यह तय करती है कि आप अभी भी उच्च नैतिक जमीन रखते हैं या छोड़ चुके हैं। जिस तरीके से हमारी पार्टी और सरकार ने प्रतिक्रिया दी है। ऐसा प्रतीत होता है कि उच्च नैतिक जमीन खो चुकी है।
यह पूछे जाने पर कि जिस वेबसाइट ने यह खबर प्रकाशित की थी, उस पर मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया है। सिन्हा ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण अभिन्न अंग है। यही वजह है कि इसे चौथा स्तंभ माना जाता है।
मीडिया की आवाज को प्रत्यक्ष या अन्य किसी तरीके से, जैसे कि 100 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा दर्ज कर किया गया है, दबाने की कोशिश से बचा जाना चाहिए।
सरकार के अर्थव्यवस्था प्रबंधन पर आरोप लगाने के बाद सिन्हा ने यह दूसरा हमला बोला है। प्रधानमंत्री मोदी ने बाद में सफाई दी थी कि अर्थव्यवस्था पटरी पर है।