मुंबई। महाराष्ट्र के यवतमाल में जवाहरलाल दर्डा एजुकेशन सोसायटी संचालित स्कूल में बच्चियों के यौन शोषण के मामले ने जहां तूल पकड़ लिया है। वहीं पुलिस ने स्कूल के प्राचार्य को पास्को एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन बच्चों के परिजनों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा।
नाराज भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, जिसके जवाब में पुलिस ने भी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए जमकर लाठियां भांजी और आंसू गैस के गोले छोड़े। स्कूल के खिलाफ हुए परिजनों के प्रदर्शन के दौरान 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं।
गौरतलब है कि राज्य के यवतमाल जिले में वडगांव पुलिस थाना अंतर्गत क्षेत्र में जवाहरलाल दर्डा एजुकेशन सोसायटी संचालित स्कूल है। दर्डा स्कूल में कई छात्राओं ने अपने परिजनों से यौन शोषण की शिकायत की थी, जिसके बाद बच्चों के माता-पिता ने सामूहिक एफआईआर दर्ज करवाई।
परिजनों की शिकायत के बाद स्कूल के तीन शिक्षकों के अलावा प्राचार्य को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके बाद अब परिजनों की मांग है कि किशोर दर्डा को गिरफ्तार किया जाए। इसी मांग को लेकर छात्राओं ने अपने परिजनों ने स्कूल के खिलाफ प्रदर्शन किया।
अनियंत्रित परिजनों को नियंत्रित करने की कोशिश में पुलिस को लाठीचार्ज करना पडा। घायलों में 22 पुलिसवालों के अलावा पत्रकार और प्रदर्शनकारी शामिल हैं। प्रदर्शन कर रही नाराज भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, जिसके जवाब में पुलिस ने भी भीड़ को तितर बितर करने के लिए जमकर लाठियां भांजी और आंसू गैस के गोले छोड़े।
वडगांव पुलिस थाने के थाना अधिकारी देवीदास धोले के अनुसार प्रदर्शनकारियों के पथराव में 15 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घायलों में दो पत्रकारों का भी समावेश है। घटना की गंभीरता को देखते हुए अमरावती रेंज के स्पेशल पुलिस कमिश्नर संजीव कुमार सिंघल ने इलाके का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
इलाके में बिगड़ते माहौल को देखते हुए बड़ी संख्या में सीआरपीएफ जवानों को तैनात कर दिया गया था। इस बीच केंद्रीय मंत्री हंसराज अहिर ने घायलों से अस्पताल में मुलाकात की। उन्होंने यवतमाल में स्थिति बिगडऩे के लिए वहां के एसपी को जिम्मेदार ठहराया है। अब देखना है कि मंत्री हंसराज अहिर के इशारे पर क्या एसपी पर कार्रवाई होगी।