नई दिल्ली। ‘दंगल’, ‘सुल्तान’, ‘पिंक’, ‘एयरलिफ्ट और ‘नीरजा’ सरीखी जमकर पसंद की गई फिल्मों के बीच यह गुजरता साल सेंसर बोर्ड के फैसलों पर उठे विवाद और पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर फिल्मों के विरोध की सियासत का गवाह बना।
फिल्मों को दर्शकों की प्रशंसा और कारोबार के मानदंडों पर इस साल आमिर खान, सलमान खान और अक्षय कुमार का जादू चला वहीं शाहरुख खान कोई भी कमाल नहीं कर सके। उन्हें अब अगले साल जनवरी में आने वाली ‘रईस’ से कुछ उम्मीदें बची होंगी।
पहलाज निहलानी की अध्यक्षता वाले सेंसर बोर्ड ने जून में ड्रग्स की समस्या को दिखाने वाली फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को कई सारे कट के साथ ‘ए’ श्रेणी में रिलीज करने की मंजूरी दी थी। अनुराग कश्यप निर्मित और अभिषेक चौबे निर्देशित फिल्म पर अपने इस रुख को लेकर निहलानी आलोचना का भी शिकार हुए। बाद में अनुराग उच्च न्यायालय में गए और केवल एक कट के साथ फिल्म के प्रदर्शन का रास्ता साफ हुआ।
शाहिद कपूर और आलिया भट्ट अभिनीत ‘उड़ता पंजाब’ के कई दृश्यों में कांट छांट की सेंसर बोर्ड की मांग के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय ने फिल्म की रिलीज को मंजूरी दे दी लेकिन फिल्मकार को फिल्म में एक दृश्य हटाने और एक संशोधित डिस्क्लेमर देने को कहा।
हाल ही में फिल्म के सेटलाइट प्रसारण को लेकर भी विवाद सामने आया। जिस पर फिल्म प्रमाणन अपीलीय अधिकरण की मंजूरी से भी सेंसर बोर्ड को झटका लगा।
इस साल फिल्म जगत से जुड़ा दूसरा विवाद करण जौहर की ‘ऐ दिल है मुश्किल’ में पाकिस्तानी कलाकारों के किरदार से जुड़ा था। उरी आतंकी हमले के बाद राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने धमकी दी थी कि वह पाकिस्तानी कलाकारों फवाद खान के किरदार होने की वजह से ‘ऐ दिल है मुश्किल’ और माहिरा खान की भूमिका के चलते शाहरुख खान की आने वाली फिल्म ‘रईस’ को रिलीज नहीं होने देंगे।
कुछ दिन तक विवाद चलता रहा और बाद में फिल्म निर्देशक करण जौहर और प्रोड्यूसर्स गिल्ड के अध्यक्ष मुकेश भट्ट ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलकर कहा कि उरी हमले के बाद भारत में लोगों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए फिल्म निर्माता पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम नहीं करेंगे। इस दौरान राज ठाकरे भी थे।
मनसे चित्रपट कर्मचारी सेना की कार्यकारी अध्यक्ष शालिनी ठाकरे ने इस बैठक के बाद कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि ‘ऐ दिल है मुश्किल’, ‘रईस’ और अली जफर के रोल वाली ‘डियर जिन्दगी के बाद पाकिस्तानी कलाकारों वाली कोई और फिल्म रिलीज नहीं होगी। इन तीनों फिल्मों की शूटिंग हो चुकी थी।
बॉलीवुड के लिए साल की शुरूआत टीवी अभिनेता और भाजपा सदस्य गजेंद्र चौहान द्वारा एफटीआईआई का अध्यक्ष पद संभालने से जुड़े विवाद के बीच हुई। कई दिन तक संस्थान के छात्रों ने चौहान को अध्यक्ष पद पर काबिज किए जाने का विरोध किया था और कई बड़ी फिल्मी हस्तियां आंदोलनकारी छात्रों का साथ दे रही थीं। गतिरोध को समाप्त करने के लिए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय प्रयास करता रहा। पिछले साल से जारी विरोध प्रदर्शन के बीच जनवरी में चौहान ने यह पद संभाला।
भारतीय सिनेमा के मौजूदा सबसे सफल अभिनेताओं में शामिल सलमान खान और आमिर खान कुश्ती पर साल 2016 में क्रमश ‘सुल्तान’ और ‘दंगल’ लेकर आए। साल के आखिर में रिलीज हुई ‘दंगल’ को बड़ी संख्या में दर्शक पसंद कर रहे हैं। इससे पहले सलमान की ‘सुल्तान’ को भी भरपूर वाहवाही मिली थी।
नोटबंदी के फैसले के बाद ‘दंगल’ बड़ा कारोबार करने वाली पहली फिल्म रही। 23 दिसंबर को रिलीज हुई ‘दंगल’ ने पहले दो दिन में करीब 65 करोड़ रुपए की कमाई कर ली और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उसने करीब 28 करोड़ रपये की कमाई की। जानेमाने फिल्म कारोबार विश्लेषक तरुण आदर्श ने भी कहा कि ‘दंगल ने नोटबंदी को पराजित कर दिया है।
वैसे अब तक की साल की सबसे बड़ी कमाउ फिल्म ‘सुल्तान’ है जो भारत में 320 करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर चुकी है और दुनियाभर में 580 करोड़ रुपए से ज्यादा कमा चुकी है। हालांकि सुपरस्टार शाहरुख खान इस साल कोई बड़ा करिश्मा नहीं कर सके। उनकी ‘फैन’ औसत रही तो ‘डियर जिंदगी’ भी उनका नाम जुड़ा होने के बावजूद कोई खास कमाल नहीं कर सकी।
अक्षय कुमार की ‘एयरलिफ्ट’ साल की पहली सौ करोड़ी फिल्म बनी। उनकी ‘रूस्तम’ भी इसी रास्ते पर चलकर 100 करोड़ से ज्यादा के क्लब में शामिल हुई। कम बजट और अधिक कमाई के साथ सबसे अधिक प्रतिशत मुनाफा वाली फिल्म सोनम कपूर के शीर्ष किरदार वाली ‘नीरजा’ रही।
दूसरी तरफ बड़े बजट और बड़े फिल्मकारों की ‘मोहंजोदारो’ आशुतोष गोवारिकर और ‘मिज्र्या राकेश ओमप्रकाश मेहरा अपेक्षा और उम्मीदों के पैमाने पर बिल्कुल भी खरी नहीं उतरीं।
करण जौहर के निर्देशन वाली रणवीर कपूर, अनुष्का शर्मा और ऐश्वर्या राय के अभिनय से सजी ‘ऐ दिल है मुश्किल’ और अजय देवगन की ‘शिवाय’ भी इस श्रेणी में रखी जा सकती हैं जो बॉक्स ऑफिस पर बहुत ज्यादा पैसा इकट्ठा नहीं कर पाईं।
गुजरता साल असल जिंदगी की, असल लोगों के जीवन की कहानियों पर बनी फिल्मों के लिए भी याद रखा जाएगा जिनमें ‘दंगल’, ‘नीरजा’, ‘एमएस धोनी’, ‘रूस्तम’, ‘अजहर’, ‘सरबजीत’, ‘वीरप्पन’, ‘अन्ना’ और ‘अलीगढ़’ जैसी फिल्में शामिल हैं।
इस बीच एक भी कॉमेडी फिल्म साल की सफल फिल्मों में शामिल नहीं हुई। ‘क्या कूल हैं हम 3’, ‘मस्तीजादे’, ‘संता बंता प्रा लि’, ‘हाउसफुल 3’, ‘ग्रेट ग्रांड मस्ती’ और ‘हैप्पी भाग जाएगी’ में से कोई बड़ा कमाल नहीं कर सकी। इनमें से कुछ को छोड़कर ज्यादातार फिल्मों को विश्लेषकों के मुताबिक फूहड़ की श्रेणी में रखा गया।
दूसरी तरफ ‘चॉक एंड डस्टर’, ‘निल बटे सन्नाटा’ और ‘पाच्र्ड’ जैसी गंभीर और भावना प्रधान फिल्मों को प्रशंसकों और आलोचकों की भरपूर सराहना मिली। 2016 में किसी भी बड़ी फिल्म का सीक्वल पहली की तुलना में कुछ खास धमाल नहीं कर सका। इनमें ‘रॉक ऑन 2’, ‘तुम बिन 2’, ‘फोर्स 2’, ‘घायल वंस अगेन’, ‘राज रीबूट’ और ‘कहानी 2 के नाम गिने जा सकते हैं।