हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ के योग, आयुर्वेद व भारतीय वैदिक संस्कृति को अपनाने के प्रति इन दिनों सात समन्दर पार अमरीका, कनाडा के लोगों में जोरदार उत्साह देखने को मिल रहा है।
स्वामी रामदेव के इस समय इन देशों में 18 से 28 अगस्त तक के प्रवास से यह सम्भव बन रहा है। वे इन दिनों अमरीका व कनाडा के प्रवास पर हैं। स्वामी रामदेव ने वहां पहुंचकर अब तक पतंजलि योगपीठ की स्थानीय समिति द्वारा आयोजित 10 से अधिक योग विज्ञान शिविरों के माध्यम से हजारों लोगों को योगाभ्यास कराया।
इसके अतिरिक्त ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी में ”योग इन इनर पीस” विषय पर, हिन्दू टेम्पल सोसाइटी आफ नार्थ अमेरिका की ओर से न्यूयार्क गनेश टेम्पल में ”योगविज्ञान एवं स्वास्थ्य” विषय पर, मिसिगन, टोरंटो के वैदिक लिविंग आर्ट सेन्टर में ”लाइफ स्टाइल एण्ड योगा” विषय पर आयोजित सेमीनारों में उन्होंनेे सहभागिता की।
योग, आयुर्वेद एवं भारतीय वैदिक संस्कृति के महत्व पर प्रकाश डाला तथा सेमीनार में उपस्थित हजारों लोगांे को पतंजलि योगपीठ के विश्वव्यापी आंदोलन से जोड़ा। उक्त जानकारी पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने दी।
उन्होंने कहा प्रवास के दौरान वहां की अनेक राजनीतिक, प्रशासनिक हस्तियों एवं अन्य सम्भ्रांत लोगों जिसमें मिसिगन मेें एसिएन टेलीविजन के न्यूयार्क सीईओ शान चंद्रशेखर ने स्वामी रामदेव से जन-जन में योग, आयुर्वेद एवं भारतीय ऋषि प्रणीत मूल्यों को स्थापित करने सम्बंधी सूत्रों को समझा।
सिटी मिसिगन की मेयर बोनी क्राम्बी ने योगविज्ञान शिविर में उनके सानिध्य में अनुलोम-विलोम प्राणायाम का अभ्यास किया। ब्रम्मटन की मेयर सुश्री लिंड जेफरी ने अपने आवास पर सम्मान कर जीवन एवं समाज में योगाभ्यास के महत्व पर विस्तार से चर्चा की।
इस अवसर पर ह्यूस्टन विश्वविद्यालय अमरीका में आयोजित सेमीनार को संबोधित करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा अच्छा स्वास्थ्य मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है, पर इसके लिए मिलावट रहित स्वस्थ व शुद्ध आहार के साथ-साथ नित्यऋषि अनुसंधित योगाभ्यास करना अत्यावश्यक है।
उन्होंने कहा कि योगाभ्यास से कोई भी अपने इनर सिस्टम को मजबूत करके वाह्य परिस्थितियों पर सहज अधिकार स्थापित कर सकता है। इस अवसर पर ह्यूस्टन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष रेणु खाटोर ने कहा पतंजलि के आंदोलन ने दुनियां भर में लोगों में स्वस्थ जीवन जीने के प्रति विश्वास जगाया है, उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव के योगाभ्यास से दुनियां के लोगों में विश्वनिर्माण की आशा बंधी है।
इस दौरान न्यूयार्क में ”ब्रिंगिंग द वल्र्ड टूगेदर” के संकल्प से न्यूयार्क के सैकड़ों प्रतिभावान, बुद्धिजीवियों एवं स्थानीय गणमान्यों ने ”द वल्र्ड लार्जेस्ट इंडिया डे परेड” आयोजित की। कहा कि आगामी दिनों में सम्पूर्ण विश्व एक परिवार के रूप में एक दूसरे का पूरक बनकर जीवन जीता दिखाई देगा।