नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के असंतुष्ट नेता योगेंद्र यादव ने भी सोमवार को पार्टी की अनुशासन समिति के कारण बताओ नोटिस का जवाब पार्टी को भेज दिया।
यादव ने भी अपने जवाब में प्रशांत भूषण की तरह अनुशासन समिति की वैधता पर सवाल खड़ा किया है साथ ही उन्होंने पार्टी के कारण बताओ नोटिस को ऐसा ड्रामा करार दिया है जिसकी पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी है।
यादव ने दिनेश वाघेला को संबोधित करते हुए लिखा है कि इस नोटिस प्रकरण का परिणाम क्या होने वाला है यह भी पहले से ही तय है। उन्होंने कहा कि इस बात की संभावना कहीं नहीं दिखती कि आपकी समिति का कोई सदस्य कभी सच जानने में दिलचस्पी दिखाएगा। यादव ने कहा कि राष्ट्रीय अनुशासन समिति के गठन को वैध नहीं माना जा सकता है।
आप के संस्थापक सदस्य यादव ने साफ किया कि गुड़गांव में आयोजित स्वराज संवाद पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं था। उन्होंने कहा कि पार्टी अपने मूलभूत उद्देश्यों से भटक गई है।
यादव ने कहा कि जिस तरह से उन्हें नोटिस मिला है उससे भी सवाल खड़ें होते हैं। क्योंकि नोटिस पहले मीडिया में लीक किया गया उसके बाद वह उन तक पहुंचा। यादव ने भी प्रशांत भूषण द्वारा पार्टी नेता आशीष खेतान के पर लगाए आरोपों की और इशारा किया।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण के अलावा आनंद कुमार और अजीत झा को 17 अप्रैल को नोटिस भेजा था, जिसका जवाब उन्हें रविवार तक देना था लेकिन कल शाम तक किसी भी नेता ने जवाब दाखिल नहीं किया था।
पिछले हफ्ते पार्टी के खिलाफ गुड़गांव में स्वराज संवाद का आयोजन करने और पार्टी विरोधी गतिविधियां चलाने के आरोप में अनुशासन समिति ने 17 अप्रैल को वरिष्ठं नेता योगेन्द्र यादव, प्रशात भूषण, आनंद कुमार और अजीत झा को कारण बताओ नोटिस दिया था।
इन्हें पहले पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाल दिया गया था। अब इन चारों नेताओं को पार्टी से निकाला जाना तय माना जा रहा है।