रायपुर। बुधवार की सुबह करीब दस बजे का नजारा था जब आत्मदाह करने वाले विकलांग युवक योगेश साहू की अंतिम यात्रा बीरगांव क्षेत्र के बेंद्री गांव से निकली। योगेश की अंतिम यात्रा में उसके गांव के अलावा आस-पास के गांव के भी अनेक ग्रामीण शामिल हुए।
सभी लोग योगेश की मौत को लेकर चर्चा कर रहे थे। माहौल पूरी तरह गमगीन था और हर किसी की आंखें नम थीं। अंतिम यात्रा का ऐसा दृश्य देखकर हर कोई भावुक हो चला था। सबकी जुबान पर यही चर्चा थी कि योगेश के बाद अब उसकी बहनों और बूढ़े मां-बाप का क्या होगा।
वहीं परिवार का एक मात्र सहारा छिन जाने से योगेश के परिजन बेहाल थे। मां और दोनों बहनों का रो-रोकर बुरा हाल था। गांव के लोगों को आज सुबह जैसे योगेश की मौत की खबर मिली हाहाकार मच गया।
आज इस क्षेत्र में जिंदगी ठहर सी गई थी। तनाव की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा गांवों में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। योगेश की शव यात्रा में अनेक राजनीतिक दलों के लोग भी शामिल हुए, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा प्रमुख हैं।
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर काफी नाराजगी दिखी। साहू समाज और कांग्रेस के नेताओं के आव्हान पर आज बीरगांव इलाका बंद रहा। सभी लोग योगेश की बहन को सरकारी नौकरी और परिवार को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे।
वहीं कांग्रेस ने कल इस घटना के विरोध में पूरा छत्तीसगढ़ बंद रखने का आव्हान किया है। कांग्रेस ने इस बंद में सभी संगठनों से सहयोग देने की अपील की है।