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मंदिर परिसर में निर्माण कार्य देखने वाले यासीन बोले, योगी नहीं हैं 'एंटी-मुस्लिम' - Sabguru News
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मंदिर परिसर में निर्माण कार्य देखने वाले यासीन बोले, योगी नहीं हैं ‘एंटी-मुस्लिम’

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मंदिर परिसर में निर्माण कार्य देखने वाले यासीन बोले, योगी नहीं हैं ‘एंटी-मुस्लिम’
Yogi adityanath is not anti Muslim
Yogi adityanath is not anti Muslim
Yogi adityanath is not anti Muslim

गोरखपुर। महंत से सीएम बने योगी आदित्यनाथ को उनके विरोधी मुस्लिम विरोधी के रूप में प्रचारित-प्रसारित करते रहे हैं। लेकिन आपको ताज्जुब होगा की गोरक्षनाथ मंदिर परिसर में बनने वाली हर एक बिल्डिंग की नींव एक मुस्लिम कारीगर की अनुमति के बगैर नहीं रखी जाती है।

इतना ही नहीं, किचेन से बेडरूम तक दखल रखने वाले इस सख्श ने योगी में मुस्लिम विरोधी भावना को महसूस भी नहीं किया है। पिछले 35 वर्षों से मंदिर के निर्माण कार्य से जुड़ा यह सख्श कोई और नहीं, मोहम्मद यासीन अंसारी नाम का कारीगर है।

योगी की नजर में इनकी छवि इतनी साफ है कि यासीन की मर्जी के बगैर निर्माण कार्य में खर्च होने वाले एक रूपया भी इनकी मर्जी से ही होता होता। यासीन की माने तो योगी आदित्यनाथ क्षेत्र भ्रमण कर वापस आने पर सबसे पहले उनसे ही मिलते हैं।

निर्माण कार्य की जानकारी लेते हैं और मंदिर में चली दिन भर की गतिविधियों को भी पूछते हैं। यासीन बताते हैं कि वे किचेन से लेकर बेडरूम तक आते-जाते हैं। कभी-कभी योगी आदित्यनाथ के साथ भोजन भी करते हैं। उन्हें योगी में कभी मुस्लिम विरोधी छवि नहीं दिखी।

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उनका कहना है कि योगी को झूठ बोलने से नफरत है। वे ईमानदार हैं। दूसरों से भी ईमानदारी की अपेक्षा रखते हैं। 1977 में मंदिर से जुड़े यासीन अंसारी मोहम्मद यासीन अंसारी का पहली बार मंदिर आना वर्ष 1977 में हुआ।

योगी आदित्यनाथ के गुरु ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ के समय में मई 1977 में मंदिर से जुड़े थे। वर्ष 1977-83 तक यासीन ने मंदिर का कैश संभाला। इसके बाद वर्ष 1983 से मंदिर के सुपरवाईजर के पद पर तैनात कर दिया गया।

अब यासीन का मंदिर परिसर में होने वाले निर्माण, भवन का सौंदर्यीकारण या फिर नई बिल्डिंग की आधारशिला रखने में पूरा दखल होता है।