लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने तीर्थराज प्रयाग में हर छह साल पर लगने वाले अर्द्धकुम्भ को कुम्भ और हर 12 साल पर आयोजित होने वाले कुम्भ को महाकुम्भ का नाम दिया है। सरकार के इस प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट ने भी अपनी मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार देर शाम तक चली कैबिनेट ने प्रयाग कुम्भ मेले की उत्कृष्ट व्यवस्था के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण के गठन को भी मंजूरी दे दी। कैबिनेट के सदस्यों ने दोनों प्रस्तावों पर हुए फैसले के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करतल ध्वनि से स्वागत भी किया।
बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इलाहाबाद के मुडलायुक्त मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिलाधिकारी उपाध्यक्ष होंगे। उन्होंने बताया कि कुम्भ मेले का प्रचार-प्रसार पूरे विश्व में किया जाएगा।
सिंह ने बताया कि बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इसमें सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों व राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेजों में शिक्षकों व पैरामेडिकल स्टाफ के रिक्त 27,141 रिक्त पदों को संविदा के आधार पर भरने का फैसला भी शामिल है।
कैबिनेट ने किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। इसके तहत खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में पूंजी निवेश की संभावना को देखते हुए उप्र खाद्य प्रसंस्करण नीति-2017 को मंजूरी दी है। यह नीति लागू होने की तारीख से पांच वर्ष के लिए होगी।