नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनियों को कॉल ड्रॉप से निपटने की केंद्रीय मेंत्री ने सख्त चेतावनी दी है।
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कॉल बीच में ही कटने (कॉल ड्राप) के मुद्दे पर दूरसंचार कंपनियों को खरी-खरी सुनाई है और इन कंपनियों से कहा कि वे अतिरिक्त प्रयासों से अपनी प्रणाली को मजबूत करें क्योंकि उनके पास बिना किसी बाधा के दूरसंचार सेवाएं देने के लिए पर्याप्त स्पेक्ट्रम है।
प्रसाद ने बताया कि उन्होंने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से इस समस्या से निपटने के लिए हतोत्साहित करने वाली व्यवस्था बनाने को कहा है। हालांकि उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या किसी प्रकार का वित्तीय हतोत्साहन होगा।
प्रसाद ने कहा कि वे यह कहना चाहते हैं कि सभी दूरसंचार कंपनियां अपनी प्रणाली को दुरस्त करें,ताकि कॉल ड्रॉप से बचा जा सके और वे अपना परिचालन बेहतर तरीके से चला सकें। प्रसाद ने कहा कि सरकार के कदम से कदम मिला कर कंपनियों को भी आगे बढ़ने को तैयार रहना पड़ेगा।
सरकार ने मार्च में नीलामी के लिए स्पेक्ट्रम की अभी तक की सबसे ऊंची मात्रा पेश की थी। इसमें से कुछ स्पेक्ट्रम बिक नहीं पाया। प्रसाद ने कहा कि ऐसे मे आपरेटरों की यह दलील कि पर्याप्त मात्रा में स्पेक्ट्रम उपलब्ध नहीं है, उचित नहीं बैठती।
दूरसंचार मंत्री ने कहा कि वे इस दलील से सहमत नहीं हैं कि पर्याप्त स्पेक्ट्रम नहीं है। चाहे बीएसएनएल हो या अन्य कंपनी, कॉल ड्रॉप के मुद्दे को उन्हें ही सुलझाना है, क्योंकि उपभोक्ता कॉल बीच में कटने से खुश नहीं होते।
दूरसंचार मंत्री ने कहा कि सरकार दूरसंचार क्षेत्र की समस्याओं को आगे बढ़कर हल करने को तैयार है, लेकिन उद्योग को भी अपनी सेवाओं में सुधार करना होगा।
क्षेत्र के लिए संशोधित विलय एवं अधिग्रहण दिशानिर्देशों के बारे में मंत्री ने कहा कि दूरसंचार विभाग सभी भागीदारों के साथ बैठक कर रहा है और इस बारे में सिफारिशें तय होने के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा।
प्रसाद ने कहा कि दूरसंचार सचिव की अगुवाई वाली एक समिति इस पर काम कर रही है। उनकी अंशधार‘कों के साथ कई बैठकें हुई हैं। उन्हें अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने के बाद सरकार अंतिम फैसला करेंगे।
दूरसंचार मंत्री ने आपरेटरों की मोबाइल टावर लगाने की चिंताओं पर कहा कि कॉल ड्रॉप के आरोप और टावर स्थापित करने के खिलाफ अभियान साथ साथ नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि पहले भी सार्वजनिक रूप से इस पर बोल चुके हैं कि इसके नुकसानदेह प्रभाव का कोई पुष्ट प्रमाण नहीं है।
ऐसे में कॉल ड्रॉप के आरोप व टावर लगाने के खिलाफ अभियान साथ-साथ नहीं चल सकते। प्रसाद ने 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के बारे में कहा कि एक बार इस बैंड में रेडियो तरंगें खाली होने के बाद नीलामी कीप्रक्रिया को तेज किया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या नीलामी इसी वित्त वर्ष में होगी,उनका कहना है कि इसे देखना होगा। जरूरत होने पर इसे तेज किया जाएगा।