Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
साई शिविर में प्रशिक्षण के दौरान युवा बैडमिंटन खिलाड़ी की मौत - Sabguru News
Home Breaking साई शिविर में प्रशिक्षण के दौरान युवा बैडमिंटन खिलाड़ी की मौत

साई शिविर में प्रशिक्षण के दौरान युवा बैडमिंटन खिलाड़ी की मौत

0
साई शिविर में प्रशिक्षण के दौरान युवा बैडमिंटन खिलाड़ी की मौत
Young shuttler niharendu dies during practice at SAI complex
Young shuttler niharendu dies during practice at SAI complex
Young shuttler niharendu dies during practice at SAI complex

कोलकाता। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के शिविर में प्रशिक्षण के दौरान एक 18 वर्षीय बैडमिंटन खिलाड़ी की मौत हो गई। अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी दी।

निहारेंदु मल्लिक अभ्यास के दौरान अचानक बेहोश हो गए और उसके बाद उनकी मौत हो गई। उनके पिता नित्यानंद मल्लिक ने कहा कि इस घटना के लिए साई जिम्मेदार नहीं है। निहारेंदु के शव को परीक्षण के लिए भेज दिया गया है। निहारेंदु के कोच एम. एम. सामंत्रे ने यह जानकारी दी।

साई के शिविर में शनिवार को निहारेंदु तीन अन्य खिलाड़ियों के साथ प्रशिक्षण ले रहे थे कि अचानक वह बेहोश हो गए। उन्हें तुरंत पास के अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। ऐसा कहा जा रहा है कि दिल का दौरा पड़ने और दिमाग में खून की गति रुकने के कारण उनकी मौत हुई।

निहारेंदु के पिता ने नित्यानंद ने अपने एक बयान में कहा कि मैं एक अनापत्ति प्रमाण पत्र लिखूंगा। हमारी साई से किसी प्रकार की मांग नहीं है न ही हम उसके खिलाफ किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज कराएंगे।

नित्यानंद ने कहा कि निहारेंदु का प्रशिक्षण अच्छा चल रहा था। मेरा छोटा बेटा भी बैडमिंटन खेलता है। हर दिन की तरह ही वह सत्तू पीने के बाद प्रशिक्षण के लिए आया था।

यह भी कहा जा रहा है कि निहारेंदु खाली पेट प्रशिक्षण कर रहे थे। वह बाराकपोरे के निवासी थे और गरीब परिवार से थे। साई के क्षेत्रीय निदेशक मनमीत सिंह गोइंदी ने कहा कि साई में ऐसी घटना हमारे लिए काफी दुख की बात है।

निहारेंदु साई के भुगतान करो और खेलो (पे एंड प्ले) योजना का हिस्सा थे और वह बैडमिंटन टीम में आने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे।

गोइंदी ने कहा कि निहारेंदु के पिता हाल ही में रेलवे से सेवानिवृत्त हुए हैं। निहारेंदु अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। मैं अपने दुख को शब्दों में बयां नहीं कर सकता।

इस मामले पर गोइंदी ने यह भी कहा कि उन्हें साई के स्थानीय अधिकारियों से किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली और उन्हें इसके बाद सीआरपीएफ की मदद लेनी पड़ी। साई ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।