रायपुर। मुख्यमंत्री निवास के सामने एक सप्ताह पहले खुद को जिंदा जलाने वाले विकलांग युवक योगेश साहू ने बुधवार तडक़े एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
नौकरी नहीं मिलने से हताश रायपुर के उरला निवासी इस युवक ने पिछले गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास के सामने अपने शरीर पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली थी।
युवक करीब 85 फीसदी जल गया था और उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी। जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ते हुए सुबह योगेश की अंतिम सांस के साथ ही जिंदगी हार गई और मौत जीत गई।
दरअसल 12वीं पास योगेश नौकरी के लिए कई वर्षों से इधर-उधर भटक रहा था। आय का स्थाई जरिया नहीं होने से बहनों की शादी और अन्य पारिवारिक जिम्मेदारियों ने योगेश को पूरी तरह तोड़ दिया।
नौकरी पाने के आस में वह 20 रुपए उधार लेकर मुख्यमंत्री से मिलने जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंचा। लेकिन वहां भी उसे कोई उम्मीद की किरण नहीं दिखी तो युवक ने खुद को जला डाला।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए इसे निराशा में उठाया गया कदम बताया है। उन्होंने युवाओं से अपील की है कि वे कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य न खोएं, मुश्किलों का हल जरुर निकलता है।
उन्होंने कहा कि भावनाओं में बहकर इस तरह का निर्णय लेना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने पीडि़त परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है।
योगेश की मौत से सूबे की राजनीति में सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस और अन्य दलों ने भी इस मामले में राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने आरोप लगाया कि राज्य में बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है। युवाओं को रोजगार नहीं मिलने से उनमें निराशा बढ़ रही है और यह घटना इसी का परिणाम है।
दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस घटना की तीव्र निंदा की है और कांग्रेस ने घटना के विरोध में गुरुवार को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान भी किया है।
विधानसभा के नेताप्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए सरकार को आढ़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार किसानों, युवाओं और किसी भी वर्ग का कल्याण करने में असफल साबित हो रही है।
इस बीच रायपुर शहर कांग्रेस ने कहा है कि वह योगेश साहू के मौत के मामले में मुख्यमंत्री पर एफआईआर दर्ज कराएगी।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद मुख्यमंत्री निवास के समक्ष अब तक दो लोग आत्महत्या कर चुके हैं। इसके पहले अजीत जोगी जब मुख्यमंत्री थे तब भी एक युवक ने जहर पीकर मुख्यमंत्री निवास के बाहर आत्महत्या की थी।