सबगुरु न्यूज़ बांसवाड़ा/उदयपुर। उदयपुर संभाग के बांसवाड़ा में कुछ युवाओं ने पर्यावरण संरक्षण और गांव से बह रही नदी को स्वच्छ बनाए रखने के लिए गणेशोत्सव पर मिट्टी या धातु की प्रतिमाओं के उपयोग का निर्णय किया है। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र में जागरूकता अभियान की भी शुरुआत की है।
बांसवाड़ा के खड़गदा गांव में कथावाचक कमलेश भाई शास्त्री के सानिध्य में युवाओं ने जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत इस बार गणेशोत्सव पर गांव में पीओपी की मूर्तियां नहीं लाने की अपील की जा रही है।
लोगों को इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा रहा है। युवाओं की इस सोच और गांव से बहती मोरनी नदी को स्वच्छ रखने के लिए गांव में दो जगह तो धातु की मूर्तियां लाने का निर्णय हो चुका है।
इधर, युवा आदिवासी बस्तियों में जाकर भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इन युवाओं में रविशंकर भट्ट, अनिल पुरोहित, नवनीत भट्ट, उप सरपंच कुलदीप भट्ट, महेंद्र दवे, सुशील भट्ट, दीपेश भट्ट, भारत भट्ट, पीयूष पुरोहित, पीयूष भट्ट आदि शामिल हैं। सभी गणेश मंडलों से मुलाकात कर उनसे पीओपी की प्रतिमा नहीं लाने की अपील की जा रही है।
मोरनी नदी में 500 से अधिक मूर्तियों का होता है विसर्जन
खड़गदा से बहने वाली मोरनी नदी में हर साल 500 से अधिक मूर्तियों का विसर्जन होता है। युवाओं ने इस बार विचार किया है कि पीओपी की मूर्तियों का विसर्जन इस बार नहीं हो। इसकी शुरुआत गांव से ही की जा रही है कि गांव में भी एक भी मूर्ति पीओपी की नहीं आए।