![धोनी ने बताया युवराज को वर्ल्डकप में क्यों नहीं मिला चांस धोनी ने बताया युवराज को वर्ल्डकप में क्यों नहीं मिला चांस](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2015/03/duv.jpg)
![yuvraj singh's bowling suffered due to new field restrictions, says dhoni](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2015/03/urr.jpg)
मेलबर्न/नई दिल्ली। विश्व कप 2011 में 15 विकेट लेकर भारत को विश्व विजेता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले युवराज सिंह पर भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने कहा है कि पिछले टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी युवराज अब बदले हुए नियमों में बहुत अधिक प्रभावशाली नहीं रहा।
धोनी ने कहा कि क्षेत्ररक्षण की पाबंदी (30 गज के घेरे के बाहर केवल चार क्षेत्ररक्षक रखने का नियम) मुख्य कारण रहा जिससे भारत को ‘युवराज सिंह जैसा बायें हाथ का उपयोगी स्पिनर’ गंवाना पड़ा।
धोनी से पूछा गया था कि क्या सुरेश रैना वह भूमिका निभा सकता है जो युवराज ने 2011 में निभायी थी, उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा कि नियमों में बदलाव के बाद युवी ने बहुत अधिक गेंदबाजी नहीं की। हम यह स्वीकार करते हैं कि नियमों में बदलाव के बाद उसकी गेंदबाजी प्रभावित हुई हालांकि टी20 में वह नियमित गेंदबाज है।
धोनी चार क्षेत्ररक्षकों को 30 गज के घेरे से बाहर रखने के नियम के कभी समर्थक नहीं रहे क्योंकि उनका मानना था कि उनके कई पार्ट टाइम गेंदबाज जैसे कि सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग बदली हुई परिस्थितियों में अधिक प्रभावी नहीं रहे।
विश्व कप की जीत से हमेशा युवराज का नाम जोड़ा जाता रहा है। धोनी से जब युवराज के प्रदर्शन की तुलना रैना के वर्तमान टूर्नामेंट के प्रदर्शन से करने को कहा गया तो भारतीय कप्तान ने उनकी बल्लेबाजी पोजीशन का उदाहरण दे दिया।
उन्होंने कहा कि यदि आपने युवराज के करियर को देखा होगा तो उसने पांचवें नंबर के बल्लेबाज के रूप में शुरूआत की लेकिन जल्द ही अच्छा प्रदर्शन करने के कारण वह चौथे नंबर पर उतरने लगा।
मुझे याद है कि 2005 के बाद उसने हमेशा नंबर चार पर बल्लेबाजी की जबकि कैफ कुछ समय के लिये नंबर पांच पर आता था और मैंने भी इस पोजीशन पर बल्लेबाजी की। धोनी ने कहा कि अब रैना नंबर पांच पर बल्लेबाजी करता है जो कि मैच के संदर्भ में महत्वपूर्ण स्थान है। इसलिए तुलना करना मुश्किल है. युवी और रैना का बल्लेबाजी क्रम समान नहीं है।