नई दिल्ली। अभिनेता रितेश देशमुख का कहना है कि सच में एक संगीतकार के तौर पर दिखने के लिए उन्होंने तबला उस्ताद जाकिर हुसैन से प्रेरणा ली।
सैंतीस वर्षीय अभिनेता रितेश अपनी आगामी फिल्म ‘बैंजों’ में एक बैंजो वादक की भूमिका निभा रहे हैं और उनके लिए संगीत के इस साज को समझना मुश्किल था।
उन्होंने पत्रकारों के एक समूह के साथ साक्षात्कार में कहा कि बैंजों को समझना सचमुच कठिन था। मैंने पेशेवर लोगों से इसकी तकनीक सीखी और फिर इस चरित्र में खुद को ढाल सका जोकि एक बड़ा काम था। मुझे खड़ा रहकर इसे बजाना पड़ा जोकि लोग आमतौर पर नहीं करते हैं।
रितेश ने कहा कि मैंने यह चरित्र निभाते समय अपने मन में जाकिर हुसैन साहब को रखा। हालांकि मैंने उनकी नकल नहीं की।
‘बैंजो’ फिल्म एक बैंड के इर्दगिर्द घूमता है और अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ता है। तभी बैंजो को बढ़ावा देने की इच्छा के साथ न्यूयार्क से एक लड़की आती है। रितेश को लगता है कि गली-मुहल्ले के कलाकारों के पिछडऩे का कारण प्रौद्योगिकी है।