नई दिल्ली। गृहमंत्रालय ने शनिवार को विवादित इस्लामिक धर्मगुरू जाकिर नाईक के गैरसरकारी संगठन(एनजीओ) को ‘पूर्व अनुमति’ वाली सूची में डाल दिया जिसके कारण अब इसे सीधे विदेशी चंदा नहीं मिल सकेगा।
मंत्रालय ने जारी एक राजपत्रित अधिसूचना में कहा कि एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और इसके पीस टीवी को मिलने वाले किसी भी चंदे के लिए सरकार की पूर्व मंजूरी जरूरी होगी। ट्रस्ट को फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेग्युलेशन एक्ट के तहत इस वर्ग में रखा गया है।
जाकिर और उसकी संस्था पर युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा की तरफ धकेलने के आरोप लगते रहे हैं। सरकार जाकिर की संस्था के देशविरोधी हरकतों में शामिल होने के आरोप में उसपर प्रतिबन्ध भी लगा सकती है। इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी ली जानी बाकी है।
महाराष्ट्र पुलिस जाकिर के खिलाफ कई केस दर्ज कर चुकी है। वह फिलहाल सऊदी अरब में है। हाल ही में उसके पिता का देहांत हुआ पर वह तब भी देश नहीं लौटे थे।