देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम ने तबाही मचाई है। मानसून की पहली बारिश ने ही आपदा प्रबंधन की पोल खोल दी है। 72 घंटे में भारी बारिश के अलर्ट के बाद सरकार ने चमोली और पिथौरागढ़ समेत कई जिलों में भारी तबाही मचाई है और 31 से अधिक लोग लापता है जबकि 14 लोगों के शव मिल चुके हैं।
भारी वर्षा के कारण बदरीनाथ हाईवे मलबा आने के कारण जगह-जगह बंद हो गया है। बदरीनाथ से गौचर में बीच कई स्थानों पर सड़क बह गई है। लगभग तीन हजार यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है अन्यथा मृतकों की सूची काफी लंबी हो सकती थी। बारिश से नदी में आए ऊफान से चमोली जिले में 9 लोगों की मौत होने की सूचना है।
वहीं पिथौरागढ़ में पांच लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। बारिश से पिथौरागढ़ जिले के बतसड़ी, सिगली और नोलेरा में बादल फटने की अलग-अलग घटनाएं हुई है जिससे कई घर पूरी तरह दब गए है। नेता प्रतिपक्ष ने नाम लेते हुए बताया कि मैठाणा गांव से बीरेन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया कि वहां बादल फटने की घटना से पूरा गांव तहस-नहस हो गया है।
इसी प्रकार कनाली छिना से बिशन भंडारी ने बताया कि वहां बादल फटने से भारी क्षति हुई है। 5 लोगों के शव मिल चुके हैं और 30 से अधिक लोगों के मलबे में दबे होने की संभावना है। स्थानीय लोग राहत बचाव में जुटे है, लेकिन 7 बजे सूचना देने के बाद भी 12 बजे तक प्रशासन का कोई व्यक्ति घटना स्थल नहीं पहुंचा था। इसी प्रकार मुनस्यारी के नौलेरा में तीन लोगों की मौत हो गई है।
नंदप्रयाग में 9 व्यक्ति लापता है। डीडीहाट, धारचूला घाट में कई लोग बह गए है। डीडीहाट व मुनस्यारी के कुमाल में भी भारी वर्षा ने तबाही मचाई है। लोगों ने जानवर जंगलो की और छोड़ दिए है फिर भी तमाम जानवर मारे गए है। पिथौरागढ़ जिले के नाचनी में बारिश से आए मलबे में तीन लोगों के दबे होने की सूचना है।
बागेश्वर के कपकोट में छह सड़के बंद होने से जन जीवन प्रभावित हो रहा है। जिले के समा और धन्नार गांव में दो मकानों धवस्त हो गए हैं। बीसा में आठ दुकानों में मलबा घुसने से तबाही मच गई है। उत्तराखंड के हल्द्वानी, काशीपुर, अल्मोड़ा, ऋ षिकेश और कोटद्वार में गुरुवार रात से रुक-रुक बारिश का दौर जारी है। अल्मोड़ा में शुक्रवार सुबह से लगातार बारिश जारी है। जिससे जन जीवन प्रभावित हो रहा है।
2013 की आपदा से भी कोई सबक नहीं लिया: भट्ट
नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने इसी संदर्भ में भाजपा मुख्यालय में पत्रकार वार्ता कर प्रदेश सरकार पर करारा प्रहार किया है। उनका कहना है कि इस सरकार ने 2013 की आपदा से भी कोई सबक नहीं लिया।
भट्ट का कहना है कि सरकार के पास आपदा प्रबंधन के नाम पर एक लंबी चैड़ी फौज है। इससे पहले ही मौसम विभाग ने भारी भरकम चेतावनी दी थी लेकिन सरकारी मशीनरी नहीं चेती और तीन दर्जन से अधिक लोगों को जान-माल की क्षति झेलनी पड़ी है।
भट्ट ने कहा कि यदि केदारनाथ की आपदा से सरकार ने थोड़ा भी सबक ले लिया होता तो यह स्थिति न होती। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने मंडलस्तर के कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया है और यह कह दिया है कि वह सरकार की ओर न देखे और अपने व्यवस्था के अनुरूप आपदा पीड़ितों की लगातार मदद करें।
भट्ट ने कहा कि हम सरकार को आईना दिखाना चाहते है उसके पास भारी भरकम फौज है। इसके बाद भी इच्छाशक्ति न होने के कारण वह आपदा पीड़ितों को मदद नहीं दे पा रही है। पत्रकार वार्ता में इंजीनियर रविन्द्र, महामंत्री नरेश बंसल, डा. देवेन्द्र भसीन,मुन्ना सिंह चैहान समेत तमाम नेता उपस्थित थे।
सरकार अपने को बचाने में मस्त : बंसल
महामंत्री नरेश बंसल का कहना है कि वर्तमान सरकार का न तो आपदा से लेना-देना है और न ही जनता जर्नादन से। वह जनता की बजाए अपनी सरकार को बचाने में व्यस्त है। बंसल का कहना है कि मुख्यमंत्री केवल केन्द्र सरकार को गाली देने और अपनी सरकार बचाने में जुटे हुए है। उनका जनता की और कोई ध्यान नहीं है। सत्ता बनाम संगठन की लड़ाई में मुख्यमंत्री केवल अपने ऊपर ही ध्यान दे रहे है और बयानबाजी कर जनता का ध्यान भटका रहे है।