मेरठ। उत्तर प्रदेश के नोएडा में वहशियाने ढंग से यौनशोषण करपुलिस टीम डेथ वारंट साइन कराने काली के परिजनों के पास अल्मोडा पहुंची थी। तीन दिन तक परिवार के किसी भी सदस्य ने वारंट लेने में रूचि नहीं ली, बाद में उसकी मां ने बेटे के डेथ वारंट पर दस्तखत कर अंगूठा लगा दिया।…
सुरेद्र कोली की फांसी का शनिवार को मेरठ जेल में करीब एक घटे रिहर्सल भी किया गया। इस दौरान एक तख्ता तथा एंगल नजर आया।
ठीक तीन बजे जल्लाद पवन जेल परिसर में दाखिल हुआ। मौके पर ही फंदे और फांसी के स्थल की जांच पड़ताल की गई। इस दौरान कोली के वजन के बराबर का पुतले के चेहरे पर काला कपड़ा डाला गया तथा फंदे को गले में लगा दिया गया। तय समय पर फंदा खींच दिया गया और पुतला फांसी पर झूल गया।
<b>कोली के चेहरे पर नहीं है कोई शिकन</b>
निठारीकाण्ड के अभियुक्त सुरेन्द्र कोली ने 16 बच्चों का यौन शोषण कर उनकी निर्मम हत्या कर दी थी। इस समय वह मेरठ जेल में है। जेल अधिकारियों की माने तो फांसी की सजा की तिथि तय होने के बावजूद कोली के चेहरे पर कोई शिकन नहीं है। उसमें चिन्ता के भाव नजर नहीं आ रहे हैं। उसकी दिनचर्या सामान्य है। मेरठ के कारागार अधीक्षक एस.एच.एम. रिजवी ने कहा कि कोली सामान्य रूप से जेल में है।
उत्तराखंड के अल्मोडा का मूल निवासी कोली के परिजनों को सूचना दे दी गई है। रिजवी ने बताया कि उससे अभी तक कोई मिलने नहीं आया। जेल परिसर में मौका मिलने पर वह कुछ कैदियों से कभी कभार बात जरूर कर लेता है हालांकि उसे एक अलग कोठरी में रखा गया है। उन्होंने कहा कि उसे सात से 12 सितम्बर के बीच फांसी दी जानी थी लेकिन अब अंतिमरूप से फांसी की तिथि 12 सितम्बर तय कर दी गई है। सुरेन्द्र कोली को पांच मामलों में हत्या की सजा सुनाई गई है जबकि 11 अभी भी लम्बित हैं। कोली को फांसी देने की तैयारियों को अंतिमरूप दिया जा रहा है। उसे पवन नामक जल्लाद फांसी पर चढ़ाएगा।