सिरोही. सिरोही नगर परिषद मे भाजपा पार्षदो ओर भाजपा नगर मण्ड्ल के पदाधिकारियो को 5 साल बाद बुधवार को एकाएक शहर वालो के हितो पर हो रहे कथित कुठाराघात याद आये. क़थित जनहित मे ये लोग आयुक्त क्स कार्यालय पर धरना देने पहुच गये….. इनका आरोप था कि नगर परिषद के अधिकारी जनता की समस्याओ का ध्यान नही दे रहे. रोड लाइट जल्ती नही, समय पर एनोसी नही मिलती और इस्के अलावा बहुत कुछ. जनता कि ये समस्याए नयी नही है.दुष्यंत केश्र्र के विपरित इनका मकसद खुक़्दकी सीजत ओर शहर की सूरत बदलने से ज्यादा ह्ंगामा खडा करने कि ज्यादा नजर आ रही थी. इनके फोन करने पर उपखण्ड अधिकारी ओपी विश्नोई नगर परिषद पहुंचे; आयुक्त अमरीश गुप्ता कार्यालय भामाशाह योजना की तैयारी बैठक में कलक्टरी गए हुए थे उपखण्ड अधिकारी के फोन करने पर वह कार्यालय पहुंचे; उपखण्ड अधिकारी के समक्ष पार्षदों ने अपनी समस्या बताई, जिस पर आयुक्त, एईएन अवधेष दूबे तथा जेईएन पीएल गोस्वामी ने स्थिति स्पष्ट की
इस हंगामें में शामिल नेता प्रतिपक्ष सुरेश सगरवंशी, भाजपा पार्षद दमयंती डाबी, मणिदेवी, अमिया माली, मगन मीणा के अलावा नगर संगठन के अध्यक्ष बाबूलाल सगरवंशी, दक्षा गहलोत, हेमलता पुरोहित पिछले पांच साल में शहर के विकास के लिए कभी धरने पर नहीं बैठे और बैठे भी तो हंगामा करने के दूसरे दिन ही चुप्पी साध लेते थे, इन लोगों ने मार्च महीने में ही वर्तमान सभापति पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ राइट टू रीकाॅल के तहत प्रस्ताव जिला कलक्टर को भी दिया था, लेकिन उस हंगामे के बाद न जाने पर्दे के पीछे क्या हुआ कि यह सब चुप्पी साधकर बैठ गए. इतना ही नहींइन सबने मिलकर दो महीने पहले आयोजित हुई बैठक में ऐसे निर्णय भी ले लिए जो पूरी तरह से जनधन को नुकसान पहुंचाने वाले थे;
ले ली चुटकी
भाजपा पार्षदों के धरने के दौरान यहां पर कांग्रेस पार्षद जगदीश सैन भी खडे हुए थे उपखण्ड अधिकारी ने जब मजाक में उनसे पूछा कि जगदीश जी आप भी इस प्रदर्शन का हिस्सा हैं क्या, इस पर सैन ने धरने पर बैठने वालों की नीयत पर ही सवालिया निशान लगा दिया; उन्होंने कहा कि ये लोग उनके साथ नगर परिषद सभापति के कथित भ्रषटाचार के विरोध में भी बैठे थे, आज यह लोग उस पर बात क्यों नहीं कर रहे;
सवाल मांग रहे जवाब
1.नेता प्रतिपक्ष गत वर्ष जून महीने में स्टोर से अनियमित तरीके से खरीदे गए तीन व चार पहिया कचरा परिवहन आॅटो, टेक्टर ट्रॉली, सीवेज सक्शन मशीन के लिए हंगामा कर आयुक्त के कमरे के बाहर इसी तरह धरने पर बैठे थे, इसका पेमेंट तक हो गया फिर कभी यह इस पर क्यों नहीं बोले और न ही इन्होंने एसीबी में कोई एफआईआर दर्ज करवाई
2. सभापति के खिलाफ भ्रश्टाचार का आरोप लगाते हुए इन्होंने कांग्रेस के पार्शदों के साथ मिलकर नगर परिशद के बाहर मार्च में धरना दिया था, इसके बाद दो तिहाई पार्शदों के हस्ताक्षर के साथ इसके जिला कलक्टर को सौंपा था, कलक्टर को पंद्रह दिन में इस पर बैठक बुलाकर निर्णय करवाना था, आज पांच महीने बीतने के बाद भी कुछ नहीं हुआ, इस पर भाजपा नगर मंडल तथा नेता प्रतिपक्ष के नेतत्व में बुधवार को धरने पर बैठे पार्शदों ने अब तक कुछ क्यों नहीं किया
3. नगर परिषद की दो महीने पहले हुई बैठक में दो खाली काॅलोनियों में सडकें बनाने का प्रस्ताव पारित हो गया, नेता प्रतिपक्ष समेत भाजपा पार्षदों व भाजपा नगर मण्डल के पदाधिकारियो ने इसका विरोध क्यों नहीं किया