नई दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने बुधवार को विपक्षी कांग्रेस पर केंद्रीय राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का अरोप लगाया। हेगड़े ने कहा था कि भाजपा सरकार संविधान में संशोधन करेगी।
कांग्रेस नेता मल्लिकाजुर्न खड़गे ने इस मुद्दे को राज्यसभा में उठाया और केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े द्वारा सोमवार को कर्नाटक के कुकानुर में एक समारोह में दिए बयान को पढ़ा।
हेगड़े ने कहा था कि कुछ लोग कहते हैं कि संविधान धर्मनिरपेक्षता के बारे में बात करता है और आपको उसे अवश्य ही स्वीकार करना चाहिए। हम संविधान की इज्जत करते हैं, लेकिन संविधान कई बार बदला गया है और इसे भविष्य में भी बदला जाएगा। हम यहां संविधान बदलने के लिए हैं और हम इसे जल्द ही बदलेंगे।
हेगड़े ने यह भी कहा था कि लोगों को गर्व से खुद को हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, लिंगायत, ब्राह्मण या जिससे भी वे जुड़े हों उसके बारे में बताना चाहिए। जिन्हें अपने खानदान का पता नहीं होता वे खुद को धर्मनिरपेक्ष बताते हैं। इनकी कोई पहचान नहीं होती। यह अपने वंश को नहीं जानते लेकिन बुद्धिजीवी होते हैं।
अनंत कुमार ने खड़गे पर बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया और कांग्रेस को छद्म धर्मनिरपेक्ष कहा। उन्होंने सभापति से खड़गे के बयान को कार्यवाही से हटाने की मांग की।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि हमारे मंत्री ने जो भी कहा उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि संविधान देश के लोगों के लिए पवित्र किताब है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हमें धर्मनिरपेक्षता पर पाठ पढ़ाने की जरूरत नहीं है। वे लोग केवल छद्म धर्मनिरपेक्षताके पैरोकार हैं।
सदन में जैसे ही दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों को 2020 तक की समय सीमा देने के संबंध में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) विधेयक, 2017 पेश किया गया, कांग्रेस सदस्य नारे लगाते हुए सभापति के आसन के करीब आ गए।
वहीं, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्य तेलंगाना के लिए अलग उच्च न्यायालय की स्थापना की मांग को लेकर हाथों में प्लेकार्ड लिए सभापति के आसन के समीप आ गए। इनमें से एक सदस्य ने अपने हाथ में इलेक्ट्रोनिक टेबलेट ले रखा था, जिस पर मांगें लिखी दिख रही थीं।
नारे और अफरातफरी के बीच उप सभापति एम. थंबीदुरई ने सदन दोपहर 2 बजकर 45 मिनट तक स्थगित कर दिया। इससे पहले, भोजनावकाश से पहले प्रदर्शन की वजह से सदन को दो बार स्थगित किया गया था।