नई दिल्ली। सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर जानबूझकर वाहन के अगले शीशे पर फास्टैग नहीं लगाने वालों के लिए कड़ा रुख अपनाते हुए सभी टोल प्लाजा को दिशानिर्देश जारी करके कहा है कि शीशे पर अंदर से फास्टैग चिपकाए बिना टोल प्लाजा की लेन में आने वाले वाहनों से दोगुना टोलटैक्स वसूला जाएगा।
सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि कुछ लोग जानबूझकर विंडस्क्रीन पर फास्टैग नहीं लगाते हैं और टोल प्लाजा की लेन में आ जाते हैं जिससे अनावश्यक देरी होती है और इससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने वाले दूसरे लोगों को बेवजह की दिक्कत होती है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इस तरह की स्थिति में फास्टैग बिना लेन में आने वाले वाहनों से दोगुना शुल्क वसूलने के लिए कहा है। एनएचएआई ने इसके अलावा टोल प्लाजा पर वाहन पंजीकरण संख्या (वीआरएन) के साथ सीसीटीवी फुटेज गैर-चिपके फास्टैग मामलों को रिकॉर्ड किया जाएगा जिससे वसूले गए टोल और टोल लेन पर आए वाहन के बारे में रिकॉर्ड रखने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा उपयोगकर्ता प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह से अथवा अन्य तरीके से लेनदेन नहीं कर सकेगा और उसे दोगुना टोल शुल्क देना होगा। इसमें एक बड़ी बात यह है कि ऐसे लोगों को विधिवत ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। जारीकर्ता बैंकों को यह भी निर्देशित किया गया है कि वे विभिन्न पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) से जारी करते समय फास्टैग को निर्दिष्ट वाहन पर फ्रंट विंडशील्ड पर लगाना सुनिश्चित करें।
एनएचएआई करीब 1000 राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगभग 1,000 टोल प्लाजा पर लगभग 45,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के लिए उपयोगकर्ता शुल्क एकत्र करता है। फास्टैग लगभग 98 प्रतिशत की दर से आठ करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं से इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह कर रहा है और यह टोल संग्रह क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम है।