नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कनाड़ा में रह रहे घोषित आतंकवादी गुरपतवन सिंह पन्नू के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसते हुए शनिवार को अमृतसर और चंडीगढ़ में उसके मकान और जमीन को जब्त कर लिया।
पन्नू प्रतिबंधित सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) का स्वयं भू जनरल कौंसिल है। एनआईए 2019 से उसे तलाश रही है। उसे नवंबर 2022 में भगोड़ा घोषित किया गया था उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हैं।
जब्त सम्पतियों में अमृतसर जिले के खनकोट गांव 46 कैनाल खेती की जमीन और चंडीगढ़ के सेक्टर 15/सी में मकान नं 2035 का चौथाई हिस्सा जब्त किया गया है। पन्नू के खिलाफ मूल मामला 19 अक्टूबर 2018 को अमृतसर के सुलतानविंड थाने में एफआईआर नं 152 के तहत दर्ज किया गया था जिसे बाद में जांच और कार्रवाई के लिए एनआईए को सौंप दिया गया था।
एनआईए की शनिवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस कार्रवाई से कनाडा सहित विभिन्न देशों में रह कर भारत के खिलाफ आतंकवाद और अलगाववाद की गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ भारत का शिकंजा सख्त हुआ है। एनआईए ने कहा है कि उसने मोहाली में एसएएस नगर मोहाली की विशेष एनआईए अदालत के आदेश के बाद शनिवार को यह कार्रवाई की।
एनआईए की जांच से पता चला है कि पन्नू का संगठन एसएफजे इंटरनेट का दुरुपयोग करके भोले भाले युवकों का बरगलाकर उन्हें आतंकवाद और अपराध की दुनिया में झोंकने में लगा है। भारत सरकार ने पन्नू को जुलाई 2020 में आतंकवादी घोषित किया था।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि पन्नू पंजाब में गिरोहबाजों और युवाओं को सोशल मीडिया पर आजाद खालिस्तान के लिए लड़ाई करने और भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को चुनौती देने के लिए भड़का रहा है। पन्नू कनाडा में रहकर भारत के वरिष्ठ राजनयिकों को धमकी दे चुका है। उसने कुछ दिन पहले कनाडा में रह रहे हिंदुओं को धमकी देकर कहा था कि वे कनाडा छोड़ दें।