पटना। भारतीय जनता पार्टी ने जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को अपने पाले में लाकर आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार की अधिकतम संसदीय सीट जीतने की तैयारी तो कर ली वहीं सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को उप मुख्यमंत्री बनाकर सबको चौंका भी दिया।
माना जा रहा था कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बेहतर तालमेल बनाए रखने में माहिर भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी उप मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे हैं। साथ ही भाजपा कोटे से पूर्व में बिहार के उप मुखमंत्री रह चुकी रेणु देवी को एक बार फिर से यह ज़िम्मेवारी सौंपी जा सकती है। लेकिन, भाजपा ने अपने चिर-परिचित अंदाज में एक बार फिर आम धारणा को गलत साबित करते हुए अपने ऐसे दो सिपाहियों सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को उप मुख्यमंत्री पद की ज़िम्मेवारी सौंपी है, जिसकी राजनीतिक गलियारे में कोई खास चर्चा तक नहीं थी।
प्रदेश में पिछले दस दिनों से जारी राजनीतिक घमासान के बीच रविवार सुबह भाजपा की बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री पद की जिम्मेवारी चौधरी और सिन्हा को दिए जाने को लेकर तस्वीर साफ हो गई। भाजपा ने चौधरी को पार्टी विधायक दल का नेता और सिन्हा को उपनेता भी चुन लिया।
इसके बाद चौधरी ने कहा कि मेरे लिए यह अत्यंत भावुक क्षण है कि आज मुझे विधायक दल का नेता चुना गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी नेतृत्व और विधायकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि बिहार के विकास और राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का आतंक समाप्त करने के लिए वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जो जनमत मिला उसको फिर से राजग सरकार के रूप में स्थापित किया गया है।
चौधरी ने कहा कि महागठबंधन सरकार में बिहार फिर से जंगलराज बढ़ने लगा था। इसे रोकने के लिए जब नीतीश कुमार की ओर से प्रस्ताव आया तो भाजपा के सभी सदस्यों ने समर्थन देने का निर्णय लिया।