नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव लाने से पहले ही मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने भारी दबाव के बाद रविवार को इस्तीफा दिया लेकिन यदि भारतीय जनता पार्टी को मणिपुर के लोगों की चिंता होती तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उन्हें पहले ही हटाना चाहिए था।
गांधी ने कहा कि करीब दो साल तक भाजपा के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मणिपुर में बंटवारा कराया लेकिन हिंसा, जानमाल के नुकसान और विनाशकारी गतिविधियों के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें नहीं हटाया। मुख्यमंत्री के इस्तीफे से पता चलता है कि बढ़ते जन दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव ने फैसले पर मजबूर कर दिया है।
कांग्रेस के नेता ने कहा कि लेकिन सबसे जरूरी प्राथमिकता राज्य में शांति बहाल करना और मणिपुर के लोगों के घावों को भरने के लिए काम करना है। मोदी को तुरंत मणिपुर का दौरा करना चाहिए, लोगों की बात सुननी चाहिए और अंत में सामान्य स्थिति वापस लाने की अपनी योजना बतानी चाहिए।
इस बीच पार्टी ने कहा है कि कांग्रेस कल मणिपुर विधानसभा में मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पूरी तरह तैयार थी लेकिन माहौल को भांपते हुए मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं कांग्रेस हिंसा भड़काने के बाद पिछले वर्ष मई से कह रही है कि उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।
देर से ही सही लेकिन मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया और अब मणिपुर के लोग प्रधानमंत्री की यात्रा का इंतजार कर रहे हैं और मोदी को मणिपुर की यात्रा करनी चाहिए। गौरतलब है कि सिंह ने आज राज्यपाल अजय भल्ला से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया।
मणिपुर विधानसभा सत्र शुरू होने के एक दिन पहले मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का इस्तीफा