नई दिल्ली। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि कोई भी पीड़िता कर्नाटक के सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आई है और आयोग के पास पहुंची एक महिला शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसके साथ जनता दल (एस) (जेडीएस) नेता के खिलाफ फर्जी शिकायत दर्ज करने के लिए जबरदस्ती की गई। आयोग ने कई मीडिया संगठनों के उन दावों का भी खंडन किया कि प्रज्वल रेवन्ना मामले में 700 महिलाओं ने शिकायत दर्ज कराई थी।
आयोग ने कहा कि ऑनलाइन शिकायतें दर्ज कराने वाली 700 महिलाएं एक सामाजिक कार्यकर्ता समूह से जुड़ी हैं और मामले में प्राथमिक शिकायतकर्ता के साथ उनकी कोई सीधी भागीदारी या संबंध नहीं है। आयोग ने मीडिया में चल रही खबरों के जवाब में महिलाओं के अधिकारों और सम्मान को बनाए रखने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता दर्शाते हुए स्वत:कार्रवाई शुरू की। आयोग ने कहा कि संबंधित अधिकारियों द्वारा समय पर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने से कई महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आए।
रिपोर्ट में पीड़ितों द्वारा यौन शोषण की शिकायतों के आधार पर दो मामलों के पंजीकरण का संकेत दिया गया है, साथ ही एक रिश्तेदार द्वारा अपहरण के लिए दायर एक अतिरिक्त शिकायत भी दर्ज की गई है। आयोग ने एक बयान में कहा कि इस मामले में कोई भी पीड़ित आयोग में शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आया है।
एक महिला शिकायतकर्ता आयोग में सिविल वर्दी पहने तीन व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने आई थी, जिन्होंने कथित तौर पर खुद को कर्नाटक पुलिस अधिकारी के रूप में पेश किया और उस पर इस मामले में झूठी शिकायत देने के लिए दबाव डाला। उन्होंने कहा कि उसे फोन करके शिकायत करने की धमकी दी जा रही है।
बयान में कहा गया कि यह पता चला है कि इस शिकायतकर्ता को व्यक्तियों के एक समूह द्वारा संभावित उत्पीड़न और झूठे आरोपों की धमकी के तहत शिकायत दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया था। पीड़िता ने स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए अपने परिवार के कल्याण के लिए सुरक्षा की मांग की है।