जयपुर। आगामी लोकसभा आम चुनाव के लिए राजस्थान में पहले चरण में 19 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए बुधवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
निर्वाचन विभाग के अनुसार राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों के चुनाव के लिए पहले चरण में 19 अप्रैल को 12 सीटों पर मतदान कराया जाएगा। इनमें गंगानगर (अनुसूचित जाति), बीकानेर (अनुसूचित जाति), चूरु, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर (अनुसूचित जाति) करौली-धौलपुर (अनुसूचित जाति) दौसा (अनुसूचित जनजाति) एवं नागौर लोकसभा सीट शामिल हैं।
इन लोकसभा क्षेत्रों के लिए 20 से 27 मार्च तक कार्य दिवसों में नामांकन प्रपत्र प्रस्तुत किए जा सकेंगे। नामांकन प्रपत्रों की जांच 28 मार्च को की जाएगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 30 मार्च है। इन 12 लोकसभा क्षेत्रों के लिए 19 अप्रैल को मतदान होगा एवं चार जून को मतगणना को होगी।
नामांकन प्रस्तुतीकरण, समीक्षा एवं नाम वापसी के दौरान संबंधित रिटर्निंग अधिकारी, कानून व्यवस्था प्रकोष्ठ तथा पुलिस विभाग द्वारा समुचित सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई हैं। नामांकन भरने की प्रक्रिया पूर्वाह्न ग्यारह बजे से शुरू होगी जो अपराह्न तीन बजे तक चलेगी। इसके बाद कक्ष में किसी भी व्यक्ति को प्रवेश करने या दस्तावेज लाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
नामांकन भरने पहुंचे अभ्यर्थी के साथ चार व्यक्ति सहित कुल पांच व्यक्ति ही रिटर्निंग अधिकारी (आरओ) के कक्ष में प्रवेश कर सकेंगे। नामांकन भरने पहुंचे व्यक्ति के काफिले में केवल तीन वाहनों को ही आरओ कार्यालय के सौ मीटर के अंदर प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि नामांकन प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए कलेक्ट्रेट परिसर मे नामांकन प्राप्त करने वाले रिटर्निंग अधिकारी के निर्धारित कक्ष में प्रवेश के लिए मेन गेट एवं चैनल गेट तय किए गए हैं।
जयपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए नामांकन प्रथम तल पर कमरा नंबर 103 प्रस्तुत किए जा सकेंगे। जिसके लिए प्रवेश के लिए मुख्य गेट नंबर दो एवं मुख्य पोर्च की सीढ़ियों से निर्धारित किया गया है। वहीं जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र के लिए नामंकन भूतल पर कमरा नंबर छह में प्रस्तुत किये जा सकेंगे। जिसके लिए प्रवेश के लिए मैन गेट नबंर एक एवं चैनल गेट नंबर एक निर्धारित किया गया है।
उन्होंने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों तथा नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने वाले प्रत्याशियों से नियमों की पालना करते हुए नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान अभ्यर्थी तथा विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि विभिन्न गतिविधियों के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन ना हो।
राजनीतिक दल, प्रत्याशियों तथा उनके समर्थको द्वारा प्रकाशित कराए जाने वाले पम्पलेट, पोस्टर, विज्ञापन अथवा हैण्डबिल प्रकाशित या मुद्रित करवाते लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 क के विभिन्न प्रावधानों की पालना हो। पम्पलेट, बैनर तथा पोस्टर के मुख्य पृष्ठ पर मुद्रक एवं इसके प्रकाशक का नाम तथा पता अनिवार्य रूप से लिखवाना होगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचन पम्पलेट या पोस्टर का मुद्रण तब तक नहीं करवा सकेगा जब तक कि प्रकाशक की पहचान की घोषणा उसके द्वारा हस्ताक्षरित तथा दो व्यक्ति जो उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हो द्वारा सत्यापित न करवाया जाए। सत्यापन के पश्चात मुद्रक को इसकी दो प्रतिलिपि देनी होगी। दस्तावेज के प्रकाशित के पश्चात मुद्रक इसकी एक प्रति तथा घोषणा पत्र की प्रति जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करेगा।
उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 प्रभावी रहेगी। इस दौरान कोई व्यक्ति, राजनीति पार्टी, संस्था बिना वैध अनुमति के जुलूस, सभा, रैली एवं सार्वजनिक सभा नहीं कर सकेगा तथा ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं कर सकेगा। प्रत्येक सभा, जुलूस एवं सार्वजनिक सभा की अनुमति आदर्श आचार संहिता एवं निर्वाचन आयोग भारत सरकार के निर्देशों की पालना के तहत होगी।
लोकसभा चुनाव के अभ्यर्थी चुनाव प्रचार पर भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित 95 लाख रुपये तक राशि व्यय कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्याशियों को चुनाव खर्च के लिए नामांकन करने से कम से कम एक दिन पूर्व पृथक से बैंक खाता खोल कर उसका ब्यौरा निर्वाचन विभाग को उपलब्ध करवाना होगा। अभ्यर्थियों को समस्त खर्चे इसी बैंक खाते के माध्यम से करने होंगे। समस्त लेने देने की जानकारी निर्वाचन विभाग में देनी होगी। व्यय सीमा का उल्लंघन नहीं हो इसके लिए कड़ी निगरानी की व्यवस्था की गई है।
लोकसभा चुनाव के तहत अभ्यर्थी या राजनीतिक दल किसी निजी सम्पत्ति पर अपने बैनर या झंडे लगवा कर चुनाव प्रचार-प्रसार करना चाहते हैं तो इसके लिए संबंधित मालिक से लिखित स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि मालिक की लिखित स्वीकृति के बाद लगाए जाने वाले बैनर या झंडे के खर्चे सहित पूर्ण विवरण एवं लिखित सहमति की प्रति अभ्यर्थी द्वारा सम्बंधित रिटर्निंग अधिकारी को तीन दिन में प्रस्तुत करनी होगी।