जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को विधानसभा में प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा लाभार्थियों को 450 रुपए में एलपीजी सिलेण्डर देने, एक हजार ई बसे चलाने, एक हजार करोड़ रुपए की लागत से अटल प्रगति पथ, एम्स की तर्ज पर प्रदेश में आरआईएमएस (रिम्स) एवं भरतपुर एवं बीकानेर में विकास प्राधिकरण बनाने तथा पेयजल संबंधी नौ कार्यों के लिए 540 करोड़ रुपए खर्च करने सहित कई घोषणाएं की।
शर्मा राजस्थान विनियोग एवं वित्त विधेयक पर चर्चा के बाद अपने जवाब में ये घोषणाएं की। उन्होंने इस दौरान गत सरकार में गठित कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति की सिफारिशों को लागू करने, पुलिस, आरएसी, जेल प्रहरी, वन रक्षक में अग्निवीर युवाओं को नियुक्ति का प्रावधान सहित कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गरीब, पिछड़ा एवं अंतिम छोर में बैठे व्यक्ति के उत्थान के लिए चौबीस घंटे कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने भी सर्वजनहिताय की सोच वाला, समाज के सभी वर्गां-युवा, किसान, महिला, मजदूर, गरीब, असहाय, उपेक्षित और अंतिम छोर पर खडे़ व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला बजट दिया है। इस बजट के 10 संकल्पों से हम प्रदेशवासियों की खुशहाली के साथ विकसित राजस्थान का निर्माण करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 जून 1975 भारत के लोकतंत्र में काला दिवस था। उस दिन पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने अपना पद बचाने के लिए लोकतंत्र की हत्या की। नेताओं को मीसा कानून के तहत जेल में डाला, न्यायालय के अधिकारों पर कुठाराघात किया और मीडिया पर सेंसरशिप लागू की। साथ ही 1953 से 2014 के बीच 50 बार से अधिक राज्यों में चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास करती है।
शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार जनहित का काम करती है, नाम बदलने का राजनीति नहीं। पूर्ववर्ती सरकार ने अटल सेवा केन्द्र का नाम राजीव गांधी सेवा केन्द्र करने एवं अन्नपूर्णा रसोई योजना का नाम बदलकर इंदिरा रसोई योजना करने का कार्य किया गया।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ठोस कार्य करने की नीति के साथ आगे बढ़ रही है, वहीं पूर्ववर्ती सरकार के समय में केवल थोथी घोषणाएं हुइंर्। पशुधन बीमा योजना में पशुपालकों का रजिस्ट्रेशन किया लेकिन एक भी पशु का बीमा नहीं किया गया। वहीं प्रतापगढ़, जालौर एवं राजसमंद में मेडिकल कॉलेज खोलने, फिरोजपुर फीडर की मरम्मत के कार्य, जयपुर में विश्वकर्मा एमएसएमई, केन्द्रीय बस स्टैंड-सिंधी कैम्प को मल्टी मॉडल इंटीग्रेटेड आईएसबीटी हब के रूप में विकसित करने सहित कई घोषणाओं की क्रियान्विति नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने अल्प अवधि में 45 हजार से अधिक पदों के लिए भर्तियों के विज्ञापन प्रकाशित किए हैं। लगभग 20 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी भी प्राप्त हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय में ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट) के लिए भी कोई एमओयू नहीं किया गया। साथ ही, यमुना जल समझौते के लिए एक मांग पत्र भी नहीं लिखा गया। वहीं हमनें प्रदेशहित में इन योजनाओं पर कार्य प्रारंभ किया।
इस दौरान शर्मा ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना 4.0 के अंतर्गत प्रदेश की ढाई हजार से अधिक ग्रामीण बसावटों को सड़क से जोड़ने का प्रावधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट किया। उन्होंने प्रदेश में सड़कों के निर्माण एवं उन्नयन संबंधी कार्यों के लिए 1 हजार 100 करोड़ रुपए के अधिक की राशि के कार्यों की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि 2 वर्षों में 1 हजार करोड़ रुपए व्यय कर 10 हजार से अधिक आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्रों में सीमेंट कंक्रीट के अटल प्रगति पथ निर्मित किए जाएंगे। उन्होंने बड़े शहरों में सार्वजनिक परिवहन के लिए 500 के स्थान पर एक हजार ई-बस उपलब्ध करवाए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भरतपुर एवं बीकानेर यूआईटी का उन्नयन कर वहां विकास प्राधिकरण का गठन करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों में जन सुविधा के कार्य समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण सम्पादित करने के उद्देश्य से जिला स्तर पर जिला नगरीय आयुक्त की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि द्रव्यवती नदी के विकास के लिए नवीन योजना बनाई जाएगी।
उन्होंने 10 हजार से अधिक आबादी वाले कस्बों एवं निकटवर्ती गांवों को शामिल करते हुए 100 कलस्टरों में चरणबद्ध रूप से फेकल स्लज मैनेजमेंट के कार्य एवं दौसा शहर में सीवरेज मास्टर प्लान, सूरजगढ़ (झुंझुनूं), सांगोद (कोटा) में सीवरेज लाईन के कार्य, चेचट एवं खैराबाद कस्बों में क्षतिग्रस्त नालों की सफाई एवं पुनर्निर्माण कार्यों की घोषणा भी की।
शर्मा ने प्रदेश में पेयजल सुविधा के लिए बीसलपुर पेयजल योजना में अजमेर (फेज-3)-जयपुर (फेज-2) के लिए कॉमन इंटेक वैल मय ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण सहित पेयजल संबंधी 9 कार्य 540 करोड़ रुपए की लागत से करवाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पेयजल की गुणवत्ता एवं स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए वाटर टेस्टिंग लैब्स को राष्ट्रीय स्तर का बनाकर एनएबीएल से मान्यता प्राप्त करने हेतु 15 करोड़ 50 लाख रुपए व्यय किए जाएंगे। साथ ही, वाटर टेस्टिंग सेंपल्स को जीओ टेगिंग कर ऑनलाइन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए एससीआईएल और गेल से एमओयू करते हुए 4100 मेगावाट क्षमता का सृजन किया जाएगा। उन्होंने किसानों के खेत पर कुसुम परियोजना/हैम मॉडल के माध्यम से 1000 मेगावाट अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन किए जाने की घोषणा की।
साथ ही, प्रदेश में हैम मॉडल पर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के माध्यम से चरणबद्ध रूप से 2000 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता सृजित की जाएगी। उन्होंने ऊर्जा उत्पादन में निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए कैप्टिव पावर उत्पादन की सीमा 100 प्रतिशत से बढ़ाकर 200 प्रतिशत करने एवं विभिन्न क्षमता के चार जीएसएस स्थापित किए जाने की घोषणा भी की।
शर्मा ने युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना के तहत छह प्रतिशत ब्याज पुनर्भरण हेतु ऋण की सीमा बढ़ाकर दो करोड़ रुपए किए जाने, पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत दस्ताकारों को दिये जा रहे पांच प्रतिशत की दर पर ऋण के लिए दो प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान दिए जाने, खुशियारा (बारां) एवं पण्डेर (जहाजपुर)-शाहपुरा में औद्योगिक पार्क एवं अजमेर में आईटी पार्क स्थापित किए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं की स्किलिंग एवं अप्रेंटिसशिप के लिए पीएम पेकेज के अंतर्गत प्रदेश के ढाई लाख से अधिक युवाओं को लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने भर्तियों में लगने वाले समय को कम करने के उद्देश्य से दस्तावेज सत्यापन विभागीय स्तर पर कराये जाने एवं विज्ञप्ति उपरांत रिक्तियों की संख्या में 50 प्रतिशत वृद्धि के प्रावधान को बढ़ाकर 100 प्रतिशत किये जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि चतुर्थ श्रेणी की भर्ती के नियमों में परिवर्तन किया जाकर इन पदों पर भर्ती की जाएगी।
उन्होंने सीईटी के प्रावधानों में बदलाव करते हुए क्वालीफिकेशन हेतु सभी श्रेणियों के लिए न्यूनतम अंक 40 प्रतिशत एवं एससी-एसटी के लिए 35 प्रतिशत अंक किये जाने की घोषणा की। उन्होंने कालवाड़, बनीपार्क (जयपुर) सहित 6 नवीन महाविद्यालयों, 3 नवीन कन्या महाविद्यालयों, बालाहेड़ा (महवा-दौसा) में कृषि महाविद्यालय, 2 पॉलिटेक्निक एवं एक महिला पॉलिटेक्निक सहित शिक्षा के विस्तार की दृष्टि से कई महत्वूपर्ण घोषणाएं भी की।
उन्होंने घोषणा की कि आरयूएचएस का उन्नयन करते हुए एम्स दिल्ली की तर्ज पर राजस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की स्थापना की जाएगी। उन्होंने प्रदेश में राजस्थान इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति अधिनियम-2018 के अंतर्गत इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड का गठन किए जाने की भी घोषणा की। उन्होंने श्रीगंगानगर एवं मेडिकल कॉलेज कोटा में कैंसर मरीजों के लिए लीनियर एक्सलरेटर मशीनें उपलब्ध करवाने सहित विभिन्न चिकित्सा संस्थानों की स्थापना एवं क्रमोन्नयन की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री ने राजस्थानी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष विजयदान देथा साहित्य उत्सव मनाने सहित विभिन्न आस्था केन्द्रों, पेनोरमा एवं बावड़ी संबंधी विकास कार्यों के लिए भी घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि जयपुर एवं जोधपुर में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नवीन क्षेत्रीय कार्यालय शुरू किए जाएंगे। उन्होंने एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि से 2 लाख 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल को सिंचित किए जाने के लिए विभिन्न सिंचाई संबंधी कार्यों करवाये जाने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि किसानों को फसल, फसली रोग एवं विपणन संबंधी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध करवाने के लिए 40 करोड़ रुपये का प्रावधान कर राज किसान साथी प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा। उन्होंने पंजीकृत गौशालाओं को देय अनुदान में 10 प्रतिशत की वृद्धि, दो हजार दुग्ध संकलन केन्द्र खोलने, पशु चिकित्सा संस्थानों की स्थापना एवं क्रमोन्नयन, परबतसर (डीडवाना-कुचामन), सेड़वा (चौहटन) एवं भाड़ोती (सवाईमाधोपुर) में कृषि मंडी खोलने तथा 150 बीज बैंकों की स्थापना सहित विभिन्न घोषणाएं की।
शर्मा ने केन्द्रीय सशस्त्र बलों की तर्ज पर अग्निवीर युवाओं को पुलिस, आरएसी, जेल प्रहरी, वन रक्षक में नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान करने की घोषणा की। उन्होंने प्रदेश में 100 सीटर राज्य स्तरीय अभय कमांड सेंटर की स्थापना करने, तिजारा (खैरथल) में बॉर्डर होमगार्डस की एक कंपनी तैनात किए जाने, अजमेर/जयपुर स्थित राजस्व मंडल एवं कर बोर्ड का एकीकरण किये जाने, डीड राइटर्स की संख्या दोगुनी कर पांच हजार किए जाने, विभिन्न प्रशासनिक, पुलिस इकाईयों एवं न्यायालयों की स्थापना एवं क्रमोन्नयन सहित अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की। उन्होंने बार काउंसिल को एक बारीय सहायता के रूप में 7 करोड़ 50 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने गत सरकार द्वारा गठित कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति की वेतन सुधार, वेतन विसंगति संबंधी शेष सिफारिशों को 1 सितंबर, 2024 से लागू करने, राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हॉयरिंग टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-2022 के अंतर्गत सृजित पदों के नियमित पदों में परिवर्तित किये जाने पर नियुक्ति हेतु 5 वर्ष के अनुभव की निर्धारित पात्रता अवधि में वर्ष 2024-25 में दो वर्ष की छूट प्रदान किए जाने की घोषणा की। उन्होंने पेंशनर्स को राहत प्रदान करते हुए 70 से 75 वर्ष के पेंशनर्स के लिए 5 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता दिए जाने की घोषणा की।