पुरी। देश के चार प्रमुख धामों में से एक ओडिशा के पुरी स्थित विश्वप्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार गुरुवार को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और उनके मंत्रिपरिषद की मौजूदगी में मुख्य देवताओं की मंगल आरती के बीच श्रद्धालुओं और आम जनता के लिए खोल दिए गए।
बारहवीं सदी के ऐतिहासिक मंदिर के चारों द्वारों को यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खोलना भारतीय जनता पार्टी का राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान किए गए वादों में से एक था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को आश्वासन दिया था कि राज्य में भाजपा सरकार बनने के तत्काल बाद मंदिर के सभी चार द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
ओडिशा में माझी के बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उसी रात राजधानी भुवनेश्वर में अपनी पहली कैबिनेट बैठक में मंदिर के चारों द्वार खोलने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्य आज सुबह मंदिर पहुंचे तथा भगवान की पूजा-अर्चना की। मंगल आरती के दौरान मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों, स्थानीय सांसद और मंत्रिपरिषद के साथ आए अन्य भाजपा सांसदों की मौजूदगी में मंदिर के चारों द्वार खोल दिए गए।
बाद में माझी ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा ने श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के चारों द्वार खोलने का अपना वादा पूरा किया है। जिला प्रशासन को मंदिर के चारों द्वारों के पास जूता स्टैंड और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये हैं, ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन के दौरान किसी तरह की असुविधा न हो।
उन्होंने कहा कि सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में श्रद्धालुओं की समस्याओं के समाधान के अलावा श्री जगन्नाथ मंदिर के जीर्णोद्धार, पुनरुद्धार और सौंदर्यीकरण के लिए 500 करोड़ रुपये का कोष बनाने का भी फैसला किया गया।
गौरतलब है कि कोविड महामारी के दौरान मंदिर के अंदर भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित था। कोविड प्रतिबंध हटने के बाद तत्कालीन बीजू जनता दल सरकार ने भक्तों के लिए मंदिर का केवल सिंह द्वार खोला था, जबकि अन्य तीन द्वारों से मंदिर में प्रवेश बंद रहा।