श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार शाम जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ बैठक में सरकार बनाने का दावा पेश किया और मनोनीत मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल को समर्थन पत्र सौंपा।
उमर ने पत्रकारों के एक चुनिंदा समूह से बात करते हुए कहा कि उन्होंने उपराज्यपाल से मुलाकात की और मुलाकात के दौरान उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी,आम आदमी पार्टी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन पत्र सौंपे।
उमर ने कहा कि मैंने वह पत्र उपराज्यपाल को सौंपे और उनसे शपथ के लिए एक तारीख तय करने का अनुरोध किया ताकि निर्वाचित सरकार अपना काम शुरु कर सके। शपथ समारोह में कुछ और दिनों की देरी होने की संभावना है।
उमर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि एक चुनी हुई सरकार की जगह दूसरी सरकार ले लेगी। यह एक केंद्रीय नियम है। यह एक केंद्र शासित प्रदेश है। राज्यपाल को एक दस्तावेज तैयार कर राष्ट्रपति को भेजना होता है। इसके बाद राष्ट्रपति गृह मंत्रालय जाते हैं।
गृह मंत्रालय आवश्यक प्रक्रियाएं करता है और रिटर्न देता है। हमें बताया गया है कि इसमें दो-तीन दिन लगेंगे। मुझे अगले सप्ताह से कोई उम्मीद नहीं है। मुझे उम्मीद है कि अगर यह सब जल्दी हो गया तो हम बुधवार को शपथ समारोह आयोजित करेंगे। उमर अब्दुल्ला को गुरुवार को नेकां ने सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता (एलपीएल) चुना।
पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की और 42 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। पार्टी के पास 95 सदस्यीय सदन में अच्छा बहुमत है। इसके गठबंधन सहयोगियों कांग्रेस और माकपा ने क्रमशः छह सीटें और एक सीट जीतीं। चार निर्दलीय पहले ही नेकां को समर्थन दे चुके हैं।