बारां। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत अपने चार दिवसीय बारां प्रवास के दौरान शुक्रवार सुबह बारां शहर के मांगरोल रोड स्थित प्राचीन प्यारेराम जी मंदिर में देवदर्शन के लिए पहुंचे, वहां उन्होंने दर्शन उपरांत मंदिर के इतिहास के विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
तीन शताब्दी पुराना है प्यारेराम जी मंदिर का इतिहास
इस मंदिर का इतिहास तीन शताब्दी पुराना है। यहां महंत प्यारेराम जी ने अनंत भगवान की प्रतिमा स्थापित कर तीन परकोटे वाले विशाल मंदिर का निर्माण करवाया था।
देव दर्शन के बाद सरसंघचालक ने परिसर में नित्य लगने वाली शिव मंदिर तरुण व्यवसायी शाखा में स्वयंसेवकों के साथ एक घंटे के निश्चित कार्यक्रमों में भाग लिया। शाखा के सभी स्वयंसेवकों ने व्यायाम, योग, प्रहार, सूर्य नमस्कार, सांघिक सुभाषित, अमृत वचन तथा गीत गायन आदि गतिविधियों में हिस्सा लिया।
जिज्ञासा समाधान में शाखा के स्वयंसेवकों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए सरसंघचालक ने कहा कि भारत पहले से ही एक हिन्दू राष्ट्र है, उसको और उन्नत, सामर्थ्यवान तथा बलशाली बनाना है।
शाखा से समाज को जोड़ने के सूत्र बताते हुए डॉ. भागवत ने कहा कि अपरिचित से परिचय बढ़ाना, परिचित को मित्र बनाना, मित्र को स्वयंसेवक बनाना चाहिए। नित्य शाखा से ही समाज के लिए योग्य स्वयंसेवक निर्मित होंगे।
शाखा के पश्चात मंदिर परिसर के बाहर स्वयंसेवकों के साथ मिलकर उन्होंने पौधारोपण किया। इस अवसर पर आंवला, बिल्वपत्र तथा पीपल आदि प्रजातियों के 51 पौधे लगाए गए। शाखा के स्वयंसेवकों ने पौधों की सार संभाल का संकल्प भी लिया।
इसके पश्चात् शाखा टोली के साथ बैठक हुई। उन्होंने टोली बैठक में शाखा के विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। शाखा में होने वाले एक घण्टे के नियमित कार्यक्रमों के विषय पर विस्तृत चर्चा भी की।