भाजपा की अंदरूनी कलह के कारण दस दिन बाद भी दिल्ली को नहीं मिला मुख्यमंत्री : आतिशी

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को भाजपा पर तीखा हमला बोला है और कहा कि भाजपा की विपदा सरकार में अंदरूनी कलह के कारण दस दिन बाद भी दिल्ली को मुख्यमंत्री नहीं मिल पाया है।

आतिशी ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आज दिल्ली चुनाव के नतीजे आए दस दिन बीत गए हैं। गत 8 फरवरी को चुनाव के नतीजे आए जिसके बाद दिल्लीवालों को उम्मीद थी कि भाजपा अपने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करेगी और 10 फरवरी तक शपथ ग्रहण समारोह होगा और उसके तुरंत बाद दिल्लीवालों का काम शुरू होगा। लेकिन दिल्ली की जनता इंतजार करती रह गई लेकिन आज 10 दिन बाद भी भाजपा मुख्यमंत्री पर निर्णय नहीं ले पाई है।

उन्होंने कहा कि आज दिल्लीवालों के सामने यह साबित हो गया है कि भाजपा के पास मुख्यमंत्री का कोई भी चेहरा नहीं है। दिल्ली की सरकार चलाने के लिए भाजपा के पास एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसे चुनकर वह मुख्यमंत्री बना सकते हैं। आज यह बिल्कुल साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने 48 विधायकों में से किसी पर भी भरोसा नहीं है। उनको पता है कि इन 48 विधायकों में से एक भी विधायक सरकार चलाने की योग्यता नहीं रखता है। प्रधानमंत्री को पता है कि इन 48 विधायकों का काम केवल लूट-खसोट करना, दिल्ली की जनता को लूटना और उनके पैसे की बंदरबांट करना है।

आप नेता ने कहा कि मोदी को पता है कि भाजपा ने 15 साल तक दिल्ली नगर निगम में सरकार चलाई और उनके एक-एक पार्षद ने केवल दिल्लीवालों को लूटने का काम किया। उन्होंने निगम के खजाने को लूटने और उसे कंगाल करने का काम किया इसलिए वह अपने 48 विधायकों में से एक पर भी भरोसा नहीं कर रहे हैं कि उनका एक भी विधायक सरकार चला सकता है। उन्हें पता है कि भाजपा के विधायक सिर्फ दिल्लीवालों को लूटने का काम करेंगे और उनके खजाने को खाली करने का काम करेंगे।

आतिशी ने कहा कि आज सभी दिल्लीवासियों के सामने यह साफ हो गया है कि भाजपा के पास मुख्यमंत्री बनने योग्य एक भी विधायक नहीं है। भाजपा के पास मुख्यमंत्री बनने लायक कोई नहीं है। अगर इनके पास मुख्यमंत्री बनने लायक ही कोई नहीं है तो ये दिल्ली की सरकार कैसे चलाएंगे? भाजपा के पास दिल्लीवालों के लिए कोई विजन नहीं है। उनके पास दिल्लीवालों के लिए काम करने का कोई प्लान नहीं है। अब चुनाव के बाद यह कड़वी सच्चाई दिल्लीवालों के सामने आ गई है।