जयपुर। राजस्थान के भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं हरियाणा में भाजपा प्रभारी डा सतीश पूनियां ने अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) 2024 के सफल आयोजन को लेकर राज्य की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार जताया हैं।
डा पूनियां सोमवार को यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया से बातचीत में यह आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने प्रदेशभर में शांतिपूर्ण रूप से रीट परीक्षा कराई जबकि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में रीट का पेपर आउट हुआ था और प्रदेश के 70 लाख से अधिक युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया था।
गहलोत के कार्यकाल में रीट ही नहीं, पटवारी भर्ती, कांस्टेबल भर्ती, जेईएन भर्ती, एसआई भर्ती, लाईब्रेरियन भर्ती, वनरक्षक सहित 19 परीक्षाओं के पेपरलीक हुए। इसका नतीजा यह हुआ कि गहलोत के पाप का दंड राजस्थान की जनता ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर करके दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में प्रदेश में अराजकता का माहौल हो गया था। पेपरलीक की गूंज देशभर में पहुंची और राजस्थान पेपरलीक के मामले में देशभर में बदनाम हुआ। इसके लिए गहलोत और कांग्रेस सरकार सीधे तौर पर दोषी थी लेकिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ना केवल रीट परीक्षा का सफल आयोजन कराया बल्कि आरएएस भर्ती परीक्षा भी शांतिपूर्ण संपन्न कराई। इतना ही नहीं, कांग्रेस शासन में भर्ती परीक्षाओं के दौरान प्रदेश में घंटों नेटबंदी की जाती रही, जिससे आमजन परेशान हुआ और करोड़ों रूपए का व्यापार भी प्रभावित हुआ, लेकिन भाजपा सरकार ने भर्ती परीक्षाओं के दौरान नेटबंदी पर रोक लगाई।
उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकवाद जैसी घटनाओं को रोकने के लिए नेटबंदी करने पर कांग्रेसी नेताओं द्वारा मुद्दा बनाया जाता था लेकिन बाद में इन्हीं कांग्रेसियों ने परीक्षाओं में नेटबंदी करना शुरू कर दिया था। भाजपा सरकार ने रीट और आरएएस भर्ती परीक्षा बिना नेटबंदी के शांतिपूर्ण संपन्न कराई। ऐसे में भाजपा सरकार का अभिनंदन।
डा पूनिया ने कहा कि कांग्रेसी नेता अधिकांश तौर पर अपनी हार के लिए जिम्मेदार ईवीएम को बताते हैं, जबकि राजस्थान में कांग्रेस सरकार का सत्ता से बाहर जाने के 10 कारणों में से मुख्य कारण पेपरलीक रहा है। पेपरलीक को लेकर सदन में और सदन के बाहर भी व्यापक आंदोलन हुए, कांग्रेस सरकार के पास कोई जवाब नहीं होता था, कांग्रेसी नेताओं ने पुलिस का दमनचक्र भी चलाया, लाठी के दम पर आंदोलनों को दबाने का प्रयास किया। कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जनता की अदालत में लज्जित हुए वहीं रीट परीक्षा को लेकर इसकी पृष्ट भूमि को देखते हुए सबकी निगाह इस बार रीट भर्ती पर थी लेकिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा सरकार ने इसका सफल और निर्विघ्न आयोजन कराया।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने संकल्प पत्र की घोषणा के अनुरूप कार्य करते हुए पेपरलीक माफियाओं के खिलाफ एसआईटी का गठन किया। एसआईटी ने पेपर लीक से संबंधित 144 प्रकरणों में अनुसंधान किया जा रहा है। इनमें से 98 प्रकरण एसआईटी के गठन के बाद एसओजी में दर्ज किए गए, 23 प्रकरण का एसओजी द्वारा एसआईटी के गठन से पहले अनुसंधान किया जा रहा है।
एसआईटी में अनुसंधान के 57 प्रकरणों में अब तक 329 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि 146 लोग न्यायिक अभिरक्षा में हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार के कार्यकाल में 100 से अधिक भर्ती परीक्षाओं के पेपर आयोजित किए गए लेकिन एक भी पेपर लीक की घटना सामने नहीं आई।
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