अमरीका की जनसंख्या से अधिक 37.54 करोड़ श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में लगाई आस्था की डुबकी

महाकुंभनगर। दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम महाकुंभ के तीसरे स्नान पर्व बसंत पंचमी तक 37.54 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई जो विश्व में तीसरी बड़ी आबादी वाले देश अमरीका की जनसंख्या से अधिक है।

13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में माघ मेला के तीसरे अंतिम अमृत स्नान में रात आठ बजे तक 2.47 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई थी। दो फरवरी तक कुल 34.97 करोड़ श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में स्नान कर चुके थे। इस प्रकार मौनी अमावस्या की रात आठ बजे तक दुनिया के कोने कोने से पहुंचे 37.54 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाकर विश्व में तीसरी सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश अमरीका की आबादी 34.64 करोड़ का रिकार्ड तोड़ दिया।

दुनिया के 195 में से 192 देश ऐसे हैं, जिनकी जनसंख्या 30 करोड़ से कम है। जनसंख्या के लिहाज से विश्व के चौथे एवं पांचवें सबसे बड़े देश इंडोनेशिया और पाकिस्तान की आबादी भी 30 करोड़ से कम है। ऐसे में 22 दिनों में ही अमरीका, पाकिस्तान और इंडोनेशिया की जनसंख्या से कहीं ज्यादा श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। इंडोनेशिया और पाकिस्तान की जनसंख्या क्रमश: करीब 28.50 करोड़ एवं 25.35 करोड़ है।

विश्व में तीसरी सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश संयुक्त राज्य अमरीका की आबादी 34.64 करोड़ है। यह दुनिया की कुल आबादी का 4.22 प्रतिशत है। जनसंख्या के मामले में अमेरिका दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। महाकुंभ शुरू होने के पहले से ही राज्य सरकार दावा कर रही है कि इस बार 40 करोड़ से ज्यादा लोग प्रयागराज पहुंच सकते हैं। अभी 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाकुंभ का आखिरी महाशिवरात्रि स्नान बाकी है।

महाकुंभ का वैभव देख अभिभूत हुए भूटान नरेश

भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संग त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगाई और महाकुंभ का वैभव देख अभिभूत हुए।

भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक भी गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगम में पुण्य की डुबकी लगाने मंगलवार को प्रयागराज पहुंचे। नामग्याल वांगचुक के साथ मुख्यमंत्री प्रयागराज पहुंचे और संगम में आस्था की डुबकी लगाई।

पुरोहितों ने मुख्यमंत्री और भूटान नरेश का विधिविधान से पूजन संपन्न कराया। मुख्यमंत्री और भूटान नरेश में गंगा मां को दुग्ध और माला अर्पित किया। दोनों महानुभावों ने मां गंगा की आरती उतारी। मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से भूटान नरेश को छोटा चांदी का कलश सौंपा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भूटान के राजा जिम्मे खेसर नामग्ययाल वांगचुक ने गंगा की जलधारा पर कलरव कर रहे साइबेरिया पक्षियों को अपने हाथों में पीले रंग की बास्केट में दाना रखकर चुगाया।

संगम में स्नान-ध्यान के उपरांत भूटान नरेश और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्षयवट का दर्शन करने पहुंचे। इसके बाद दोनों नेताओं ने बड़े हनुमान जी के मंदिर में मत्था टेका। इसके बाद दोनों नेताओं ने बड़े हनुमान मंदिर के नजदीक बने डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र पहुंचकर महाकुम्भ के दिव्य-भव्य और डिजिटल स्वरूप का भी अवलोकन किया। भूटान नरेश का यह दौरा भारत-भूटान मित्रता एवं सांस्कृतिक संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

महाकुम्भ नगर में भूटान नरेश की आध्यात्मिक यात्रा के दौरान प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ और विष्णुस्वामी संप्रदाय की सतुआ बाबा पीठ के महंत जगद्गुरू संतोष दास (सतुआ बाबा) सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।

गौरतलब है कि भूटान नरेश नामग्याल वांगचुक सोमवार को ही लखनऊ पहुंचे थे, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। वहीं मंगलवार को नामग्याल वांगचुक के साथ मुख्यमंत्री प्रयागराज पहुंचे और संगम में आस्था की डुबकी लगाई।