इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने अपने पूर्व सैन्य अधिकारी एवं मुंबई में 26/11 को हुए आतंकवादी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए उसे पाकिस्तानी नागरिक मानने से ही इनकार कर दिया है और उसे कनाडा का नागरिक बताया है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने राणा के भारत प्रत्यर्पण के बारे में पूछे जाने पर कहा कि तहव्वुर राणा ने दो दशकों से अधिक समय से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है। उसकी कनाडाई नागरिकता बिल्कुल स्पष्ट है।
पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक राणा को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के गुर्गों के साथ संबंध रखने और मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार समूह को हमले में इस्तेमाल हुए साजोसामान मुहैया कराने के लिए अमरीका में दोषी ठहराया गया था, जिसमें 170 से अधिक लोग मारे गए थे। राणा को आज विशेष विमान से अमरीका से भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है।
पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित करने के लिए डेनमार्क के एक अखबार पर 2009 में हुए हमले को विफल करने के लिए उसे अमरीका में 14 साल की सजा हुई थी। हालांकि, राणा के पाकिस्तानी सेना, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और लश्कर-ए-तैयबा के अधिकारियों के साथ संबंध बेहद नुकसानदेह साबित हो सकते हैं और संभवतः इस जघन्य घटना में पाकिस्तानी सरकार की सक्रिय भागीदारी का खुलासा कर सकते हैं।
वर्ष 1990 के दशक के अंत में कनाडा जाने से पहले राणा ने शुरुआत में पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम किया था। रिपोर्टों के अनुसार कनाडा की नागरिकता प्राप्त करने के बाद वह शिकागो में बस गया, जहां उसने इमिग्रेशन कंसल्टेंसी सहित कई तरह के व्यवसाय संचालित किए।
वर्ष 2008 के हमले के मुख्य आरोपी पाकिस्तानी-अमरीकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने कहा था कि राणा ने आतंकवादी हमलों और इसके लिए रसद तथा वित्तीय सहायता प्रदान की थी। हेडली ने हमलों से पहले राणा की इमिग्रेशन कंसल्टेंसी का कर्मचारी बनकर मुम्बई की रेकी की थी।
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