देश छोड़ने का आदेश : राजस्थान में निवासरत पाकिस्तानी हिन्दू नागरिकों में दहशत

जैसलमेर। जम्मू-कश्मीर में पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 28 सैलानियों की हत्या के बाद केन्द्र सरकार के पाकिस्तान से वीजा पासपोर्ट पर आए पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटों के अंदर-अंदर भारत छोड़ने के निर्णय के बाद इन राजस्थान में निवासरत हजारों पाकिस्तानी हिंदू नागरिक संकट में पड़ गए हैं।

सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि देश से निकाले जाने को लेकर वे भयग्रस्त हैं। अकेले जैसलमेर में करीब 6000 से ज्यादा पाकिस्तानी हिंदू नागरिक लम्बी अवधि के वीजा पर भारत में निवासरत हैं। पूरे राजस्थान में यह आंकड़ा 20 हजार से ज्यादा का है। खुफिया कार्यालयों से इन्हें फोन पर चेतावनी दी जा रही है कि इनको सरकारी आदेश मिलने के बाद देश छोड़कर वापिस पाकिस्तान जाना पड़ सकता है।

बाड़मेर के इंद्रोई गांव के निवासी शैतान सिंह राठौड़ (25) गुरुवार को अपनी पाकिस्तानी दुल्हन से शादी रचाने के लिए अटारी होते हुए पाकिस्तान जा रहे थे, अचानक केन्द्र सरकार द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के नागरिकों को देश छोड़ने के आदेश जारी करने के साथ ही उनके पाकिस्तान जाकर शादी रचाने और वहां की दुल्हन भारत लाने के मंसूबे पूरी तरह मिट्टी मे मिल गए।

वह पाकिस्तान जाने के लिए जब अटारी पहुंचे तब सुरक्षा एजेन्सियों ने उन्हें पाकिस्तान जाने से रोक दिया और लौटा दिया। शैतान सिंह की शादी आगामी 30 अप्रैल को अमरकोट में नुईया गांव में गुमान सिंह सोढ़ा की पुत्री केशर कंवर से होने जा रही थी।

यह एक ही मामला नहीं है। ऐसे कई मामले हैं जिसमें दोनों देशों की रिश्तेदारियों को झकझोर कर रख दिया है और खासकर केन्द्र सरकार द्वारा पाकिस्तानी वीजा पासपोर्ट पर भारत आए हजारों पाकिस्तानी हिन्दू नागरिकों में दहशत का माहौल है। ये पाकिस्तानी हिन्दू नागरिक किसी भी सूरत में पाकिस्तान वापस जाने को तैयार नहीं हैं।

जैसलमेर के अमरसागर स्थित पाकिस्तानी विस्थापित कच्ची बस्ती में केन्द्र सरकार के इस निर्णय को लेकर काफी दयनीय एवं खौफनाक माहौल नजर आ रहा था। खासकर इन पाकिस्तानी हिन्दू विस्थापितों के चेहरों पर रूलाई फूट रही थी। इनमें एक ऐसा मामला राधा भील नामक महिला का है जिसका अपने दो वर्ष के बेटे से मिलन तीन दिन पूर्व ही हुआ था। उसका मासूम बच्चा वीजा न मिलने के कारण मां बाप के साथ दो साल पूर्व भारत नहीं आ पाया था।

एक और पाकिस्तानी विस्थापित दिलीप सिंह सोढ़ा कहते हैं कि केन्द्र सरकार का यह निर्णय पूरी तरह गलत है। हम पाकिस्तान में इतने अत्याचारों एवं धार्मिक उत्पीड़न को सहन करके और अपना सब कुछ बेचकर भारत आए हैं। अब उन्हें वापस पाकिस्तान भेजने की बातें की जा रही है। यह कतई सही नहीं है। आप हमें यहीं गोली मार दे। हम यहीं मर जाएंगे। कम से कम हमारी अस्थियां तो हरिद्वार में प्रवाहित की जाएंगी।

वह कहते हैं कि केन्द्र सरकार के निर्णय के बाद लगातार फोन पर उन्हें चेतावनी दी जा रही है। ये फोन काॅल सभी सीमाई जिलों एवं गुजरात से हाल ही में पाकिस्तान से भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों के पास आ रहे हैं।

सीमांत लोक संगठन अध्यक्ष हिन्दु सिंह सोढ़ा ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस स्थिति को स्पष्ट करते हुए पत्र लिखा है कि इस निर्णय को लेकर राजस्थान के जिलों, कस्बों एवं गांवों में दहशत का माहौल है। स्थानीय अधिकारी पाकिस्तानी नागरिकों के गारंटर एवं रिश्तेदारों को फोन करके वापस पाकिस्तान लौटने की हिदायत दे रहे हैं। इसको लेकर केन्द्र सरकार को पुनः निर्णय पर विचार करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह निर्णय उन लोगों पर नहीं लागू किया जाना चाहिए जो धार्मिक उत्पीड़न की वजह से पाकिस्तान छोड़कर भारत आने को मजबूर हुए हैं। भारत सरकार ने धार्मिक उत्पीड़न एवं अत्याचार से तंग आकर भारत आए हिन्दू पाकिस्तानी नागरिकों को बसाने की अपनी नीति एवं नागरिकता संसोधन विधेयक अधिनियम 2019 के तहत इन लोगों को नागरिकता देने के लिए विशेष प्रावधान किए थे।