अजमेर। राजस्थान के अजमेर में चल रहे ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 812 वें सालाना उर्स में शिरकत करने पडौसी मुल्क पाकिस्तान के जायरीनों का जत्था सोमवार को कड़ी सुरक्षा में अजमेर पहुंचा।
अजमेर में अपने निर्धारित समय से 4 घंटे विलंब से रेलवे स्टेशन पहुंची रेलगाडी से उतरते ही सभी पाक जत्थे के जायरीनों को राजस्थान रोडवेज की बसों से स्थानीय पुरानी मंडी स्थित सैन्ट्रल गर्ल्स स्कूल लाया गया, जहां इन सभी को ठहराया गया है।
जिला कलक्टर डा. भारती दीक्षित ने बताया कि पाकिस्तान से आये जायरीनों को यहां रेलवे स्टेशन से पुरानी मंडी ले जाया गया है। जहां उन्हें ठहराया गया है। उनके लिए गर्म पानी, टेलीफोन आदि की सुविधाएं जुटाई गई है ताकि किसी को कोई परेशानी न हो और उर्स में शिद्दत से भाग ले सकें। उन्होंने बताया कि सभी के लिए सुरक्षा व्यवस्था भी पुलिस निगरानी में की गई है।
पाकिस्तान से आये ग्रुप लीडर परवेज इकबाल ने मीडिया से सामान्य बातचीत में कहा कि भारत सरकार ने बहुत अच्छे इन्तेजामात किये हैं, हम गरीब नवाज से दोनों देशों के लिये दुआ मांगेंगे और पाकिस्तानी हुकूमत की ओर से लाई गई चादर पेश करेंगे।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी जायरीनों को लाने वाली रेलगाडी सुबह 9 बजे आने के बजाय चार घंटे से ज्यादा विलंब से अजमेर पहुंची। स्टेशन पर कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए।
राजनाथ की ओर से चादर एवं अकीदत के फूल पेश
केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से सोमवार को अजमेर दरगाह में मखमली चादर एवं अकीदत के फूल पेश किए गए। अजमेर दरगाह कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष मुनन्वर खान रक्षामंत्री की चादर लेकर दोपहर अजमेर पहुंचे और कड़ी सुरक्षा में आस्ताने पहुंच कर चादर पेश की।
सिंह ने अपने संदेश में उर्स की मुबारक बाद के साथ कहा कि ख्वाजा साहब ने आपसी भेदभाव भुलाकर सौहार्दपूर्ण जीवन जीने का संदेश दिया। खादिम सैय्यद अशफान चिश्ती ने सिंह की ओर से चादर पेश की ओर से देश में खुशहाली तथा भाईचारे एवं कौमीएकता की दुआ की।