अजमेर। राजस्थान के पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने गुरुवार को स्पष्ट कहा कि अगर स्वच्छता अभियान के पैसे का किसी अन्य कार्यों में उपयोग किया तो संबंधित अधिकारी से वसूली की जाएगी। दिलावर ने यहां आयोजित पंचायती राज विभाग के संभाग भर के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित करते हुए स्पष्ट शब्दों में यह चेतावनी दी।
उन्होंने ने कहा कि सरकार पंचायतों को स्वच्छता के लिए पैसा देती है लेकिन पंचायतें उसका उपयोग सफाई कराने की बजाय निर्माण कार्यों पर करती है। यह गलत और प्रावधानों का उल्लंघन है। अब सरकार ने स्पष्ट आदेश निकाल दिए हैं। अब किसी भी पंचायत में यदि स्वच्छ भारत मिशन के पैसे का उपयोग किसी अन्य निर्माण कार्य में किया तो पूरे पैसे की वसूली संबंधित अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विशेष जोर है कि हमारा देश स्वच्छ और सुंदर बने। शहरी क्षेत्र में तो परिणाम अच्छे आए है परंतु ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी स्वच्छता को लेकर जागरूकता की कमी देखी जा रही है जबकि छोटी से छोटी पंचायत को भी स्वच्छता के लिए कम से हम 7 से 8 लाख रुपए मिल रहे हैं तो फिर गंदगी क्यों है।
पिछले वर्षों का आंकड़ा देखे तो स्वच्छ भारत मिशन का पैसा 28 प्रतिशत से ज्यादा खर्च नहीं किया गया है। कागज़ों में तो हम ओडीएफ हो गए लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ अलग ही है। आज भी लोगों को डिब्बा और बोतल लेकर खुले में शौच जाते हुए देखा जा सकता हैं।
दिलावर ने कहा कि शुरुआती दिनों में जब यह अभियान चालू हुआ तब अधिकारी गांव में जाते थे और खुले में शौच करने वाले को टोकते थे। इसको फिर से शुरू किया जाए। पॉलिथीन आज हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया हैं जबकि पॉलिथीन हमारे जीवन के लिए अत्यंत घातक है। तो फिर हम इसका इस्तेमाल बंद क्यों नहीं कर सकते। कपड़े का थैला ले जाने में हम को तकलीफ क्यों आती है।
उन्होंने कहा कि गांव गांव में बर्तन बैंक बनाओ और डिस्पोजल आइटम को छोड़ दो आधी गंदगी तो अपने आप ही खत्म हो जाएगी। आज हरतरफ गंदगी मुख्य कारण है तो वो है पॉलीथिन की थैलियां और डिस्पोजल आइटम। जहां शादी या कोई सामूहिक समारोह होता है तो गंदगी के ढेर लग जाते है। इसकी जगह हम बर्तन बैंक से बर्तन लेकर समारोह में भोजन कराएंगे तो गंदगी भी नहीं होगी और रोजगार भी मिलेगा। इसलिए गांव गांव में जनसहयोग से बर्तन बैंक का निर्माण करे।