अजमेर। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के अंतर्गत पेश किए गए पूर्ण बजट 202526 के विभिन्न पहलुओं और इसके नीतिगत प्रभावों पर विस्तृत रूप से चर्चा करने के उद्देश्य से राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। जिसमे बजट सत्र से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. आनंद भालेराव ने बताया कि केंद्रीय बजट किसी भी राष्ट्र की आर्थिक दिशा और विकास की रणनीति का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। इस पैनल चर्चा के माध्यम से हमने विद्यार्थियों और शिक्षको को बजट की समझ प्रदान करने का प्रयास किया है। हमारा उद्देश्य विश्वविद्यालय परिवार को देश की वित्तीय नीतियों और आर्थिक विकास की प्रक्रियाओं से परिचित कराना है, जिससे वे जागरूक नागरिक बन सकें और अपने विचारों से समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें।
डिस्कशन में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और स्कूलों के विषय विशेषज्ञों डॉ. प्रमोद कांबले, प्रो. उमा शंकर मिश्रा, डॉ. नरेंद्र कुमार, डॉ. संजय गर्ग, प्रो. चंडी चरण मंडल, प्रो. एलके शर्मा ने सक्रीय रूप से भाग लेते हुए हाल के बजट में कृषि संबंधी पहल, बजट और उच्च शिक्षा संबंधी पहल, शोध के क्षेत्र में पहल, बजट में शिक्षा के लिए पहल, बजट में टैक्सशन और वित्तीय क्षेत्र में सुधार, बजट में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार और अनुसंधान एवं विकास/एआई पर ध्यान इत्यादि विषयो का विश्लेषण करते हुए अपने विचार प्रस्तुत किए। इस पैनल डिस्कशन में मॉडरेटर की भूमिका अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. हेमलता मंगलानी ने निभाई।
इस दौरान डिस्कशन में विश्वविद्यालय के विद्यार्थीयो, शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों ने भाग लिया और विषय विशेषज्ञों से प्रश्न पूछे। यह चर्चा विश्वविद्यालय में एक विचारशील और ज्ञानवर्धक संवाद को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।