नई दिल्ली। पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है क्योंकि वित्तीय खुफिया इकाई-भारत (एफआईयू-आईएनडी) ने शुक्रवार को शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत पीपीबीएल पर 5.49 करोड़ रुपए का जुर्माना किया।
इस संबंध में वित्त मंत्रालय द्वारा आज जारी बयान में कहा गया है कि पीएमएलए की धारा 13(2)(डी) के तहत यह जुर्माना किया गया है। मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम (अभिलेखों का रखरखाव) नियम, 2005 (पीएमएल नियम) के साथ पढ़े जाने वाले पीएमएलए के तहत अपने दायित्वों के उल्लंघन के संदर्भ में पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर 5.49 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
एफआईयू आईएनडी ने ऑनलाइन जुए के आयोजन और सुविधा प्रदान करने सहित कई अवैध कार्यों में लिप्त कुछ संस्थाओं और उनके व्यवसायों के नेटवर्क के संबंध में कानून प्रवर्तन एजेंसियों से विशिष्ट जानकारी प्राप्त करने पर पीपीबीएल की समीक्षा शुरू की। इसके अलावा, इन अवैध परिचालनों से उत्पन्न धन, यानी अपराध की आय को इन संस्थाओं द्वारा पीपीबीएल के खातों के माध्यम से भेजा गया था।
उपरोक्त मामले की गहन जांच करने और रिकॉर्ड दस्तावेजों की जांच करने पर पीएमएलए नियमों के उल्लंघन के लिए बैंक को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और लाभार्थी खातों के संबंध में एएमएल/सीएफटी/केवाईसी आदि की जानकारी मांगी गई थी।
पीपीबीएल के लिखित और मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, रिकॉर्ड पर उपलब्ध भारी सामग्री के आधार पर, एफआईयू-आईएनडी के निदेशक ने पाया कि पेटीएम के खिलाफ आरोप प्रमाणित थे। नतीजतन, धारा 13, पीएमएलए के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह जुर्माना किया है।