नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजधानी के प्रगति मैदान में 2700 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन परिसर (आईईसीसी काॅम्पलेक्स) काे एक भव्य एवं रंगारंग कार्यक्रम में बुधवार शाम राष्ट्र को समर्पित किया और कहा कि देश के सपने साकार हो रहे हैं।
कुल 123 एकड़ क्षेत्र में फैले इस अत्याधुनिक सम्मेलन केन्द्र का नाम भारत मंडपम रखा गया है। इसी केन्द्र में सितम्बर में भारत की अध्यक्षता में हो रहे विश्व की 80 प्रतिशत अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करने वाले जी20 समूह के देशों के शीर्ष नेताओं का सम्मेलन होगा।
मोदी ने इससे पहले सुबह परिसर में वैदिक रीति से हवन-पूजन किया और ट्विटर पर उसे साझा किया। उन्होंने इस परिसर के निर्माण में लगे श्रमिकों को सम्मानित किया और उनके साथ अपनी तस्वीर ट्विटर पर साझा की। शाम को आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केन्द्रीय मंत्रिमंडल के उनके सहयोगी और आमंत्रित बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
प्रगति मैदान में भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के पुराने मंडपों को हटाकर उनकी जगह विकसित इस भव्य एवं विहंगम नये परिसर के उद्घाटन अवसर पर श्री मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि सपने साकार हो रहे हैं। यह परिसर देश में बड़ी बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास के संबंध में मोदी सरकार की सोच का परिणाम बताया जा रहा है।
इस परिसर में सम्मेलन केंद्र, प्रदर्शनी हॉल, खुले रंगमंच जैसी कई अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की गयी हैं। इसके भव्य बहुउद्देश्यीय कक्ष और महाधिवेशन कक्ष की संयुक्त क्षमता सात हजार लोगों की है, जो ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध सिडनी ओपेरा हाउस की बैठने की क्षमता से भी अधिक है। एम्फीथिएटर (खुला रंगमंच) 3,000 व्यक्तियों की बैठने की क्षमता से सुसज्जित है।
सम्मेलन केंद्र का वास्तुशिल्प भारतीय परंपराओं से प्रेरित है और आधुनिक सुविधाओं और जीवन शैली को अपनाने के साथ-साथ अपने अतीत में भारत के आत्मविश्वास और दृढ़ विश्वास को भी दर्शाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी सरकार के नौ वर्ष के सरकार के दौरान विभिन्न नई परियोजनाओं तथा निर्माण कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि दिल्ली में जल्दी ही दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय बनने जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री की हाल की फ्रांस की यात्रा के दौरान वहां के लॉवरे म्यूजियम के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए जिसके तहत वह राजधानी में नए राष्ट्रीय संग्रहालय के विकास में सहयोग देगा। सरकार ने रायसीना हिल्स पर बने नार्थ ब्लाक और साउथ ब्लाक काे संग्रहालय का रूप देने की योजना बनाई है।