नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले दस साल के हमारे जनहित के कामों से घबराकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके ख़िलाफ़ षड्यंत्र रचकर जेल में डलवाया।
केजरीवाल ने रविवार को यहाँ जंतर-मंतर पर जनता की अदालत कार्यक्रम में अपनी सरकार के दस साल के कामकाज का ब्यौरा दिया और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हमने पिछले दस सालों में ईमानदारी से सरकार चलाई। बिजली और पानी मुफ्त किया, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतरीन बनाया लेकिन मोदी को लगा कि अगर उन्हें हमसे जीतना है तो हमारी ईमानदारी पर हमला करना होगा। उन्होंने साजिश रची कि हमें बेईमान साबित किया जाए और इसके तहत हमें, मनीष सिसोदिया और आप के कई नेताओं को जेल में डाला गया।
उन्होंने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इन नेताओं पर आरोपों का कोई असर नहीं होता क्योंकि उनकी चमड़ी मोटी है। पर मैं नेता नहीं हूं, मैं एक आम आदमी हूं और मुझ पर लगे आरोप मुझे प्रभावित करते हैं। मैंने जनता की अदालत में आने का फैसला इसलिए किया क्योंकि मैं इस दाग के साथ नहीं जी सकता। अगर मैं बेईमान होता, तो बिजली मुफ्त नहीं करता, महिलाओं का किराया मुफ्त नहीं करता और बच्चों के लिए स्कूल नहीं बनवाता।
उन्होंने कहा कि 22 राज्यों में उनकी सरकार है, लेकिन कहीं भी बिजली मुफ्त नहीं है, महिलाओं के लिए यात्रा मुफ्त नहीं है। अब आप बताइए, चोर कौन है, केजरीवाल चोर है या केजरीवाल को जेल भेजने वाले चोर हैं।
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि जिस तरह मोदी ईडी, सीबीआई का डर दिखाकर सरकारें गिरा रहे हैं क्या आरएसएस उससे सहमत है। दी ने सबसे भ्रष्ट नेताओं को भाजपा में शामिल कराया तो क्या आरएसएस इससे सहमत है, भाजपा आरएसएस की कोख से पैदा हुई थी। यह देखना आरएसएस की जिम्मेदारी है कि भाजपा पथभ्रष्ट ना हो, मोहन भागवत बताएं कि क्या आपने मोदी को कभी रोका।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि भाजपा को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। क्या इससे मोहन भागवत को दुख नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मैं मोहन भागवत से कहना चाहता हूं कि आप ही लोगों ने कानून बनाया था कि 75 साल का होने पर सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा। मोहन भागवत से पूछना चाहता हूं कि जो नियम लालकृष्ण आडवाणी पर लागू हुआ वह मोदी पर लागू नहीं होगा क्या।