नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की अटकलों के बीच सोमवार शाम यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ नीतिगत मुद्दों पर लंबी चर्चा की।
मोदी ने परंपरा से हट कर राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में नवनिर्मित सम्मेलन स्थल पर इस बैठक का आयोजन किया था। मोदी ने रात करीब साढ़े नौ बजे तक चली इस बैठक के बाद ट्वीट करके कहा कि मंत्रिपरिषद के साथ एक सार्थक बैठक, जहां हमने विभिन्न नीति संबंधी मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री ने बैठक की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं।
सूत्रों के मुताबिक चार घंटे तक चली इस बैठक में 2024 के आगामी लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति पर भी चर्चा की गई। इस वर्ष केंद्रीय मंत्रिपरिषद की यह दूसरी बैठक है। प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले मंत्रिपरिषद की बैठक आम बजट पेश होने से पहले जनवरी में की थी।
ऐसी अटकलें हैं कि मोदी आगामी लोकसभा चुनाव के पहले आखिरी बार अपनी मंत्रिपरिषद का नए सिरे से पुनर्गठन करना चाहते हैं। मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में विपक्ष की कड़ी चुनौती को देखते हुए माना जा रहा है कि कई प्रमुख मंत्रियों को भारतीय जनता पार्टी के संगठन में भेजा जा सकता है तथा उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना एवं बिहार से कुछ नये चेहरों को मंत्रिपरिषद में जगह दी जा सकती है।
इस सिलसिले में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने कई दौर की बैठकें की है। इन बैठकों में मुख्य रूप से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और भाजपा के संगठन महामंत्री बी एल संतोष शामिल रहे हैं। इन तीनों नेताओं ने गत 28 जून को प्रधानमंत्री मोदी के साथ भी विचार मंथन किया था। इन बैठकों के बाद मंत्रिपरिषद में पुनर्गठन की अटकलों को बल मिला।
भाजपा में भी श्री नड्डा को दोबारा पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद नयी कार्यकारिणी बनाना लंबित है। इसलिए संगठन में भी व्यापक परिवर्तन की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार कई ऐसे मुखर मंत्रियों को संगठन में शामिल किया जाएगा जिन्होंने अलग अलग चुनावों में अपनी राजनीतिक दक्षता का परिचय दिया है। माना जाता है कि सरकार एवं संगठन में परिवर्तन एक साथ होगा और इस के लिए सभी मंत्रियों से पहले इस्तीफा लिया जा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आखिरी बार अपनी मंत्रिपरिषद में फेरबदल और विस्तार वर्ष 2021 में किया था, जिसमें मोदी ने 36 नए चेहरों को मंत्री बनाया था, जबकि 12 तत्कालीन मंत्रियों की पद से छुट्टी कर दी थी। जिन मंत्रियों की छुट्टी की गई थी, उनमें डीवी सदानंद गौड़ा, रविशंकर प्रसाद, रमेश पोखरियाल निशंक, प्रकाश जावड़ेकर, संतोष गंगवार, बाबुल सुप्रियो, हर्षवर्धन प्रमुख थे। इस मंत्रिपरिषद विस्तार में मोदी ने अश्विनी वैष्णव, ज्योतिरादित्य सिंधिया और भूपेंद्र यादव जैसे नेताओं को शामिल किया था, जबकि अनुराग ठाकुर, किरेन रिजीजू और मनसुख मांडविया को पदोन्नत किया था।