नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को अपने मंत्रिमंडल का आखिरी बार पुनर्गठन कर सकते हैं और इसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दलों के कुछ नेताओं को जगह दिए जाने की संभावना है।
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति भवन में दरबार हॉल में बुधवार अपराह्न नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। जबकि छह से अधिक के मंत्रियों को सरकार से हटा कर पार्टी के संगठन में भेजे जाने की चर्चा है। सूत्रों के अनुसार अनेक मंत्रियों ने तो अपने मंत्रालय के कार्यक्रमों में जाना स्थगित कर दिया है। वे मंत्रिमंडल में पुनर्गठन में अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं।
सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पहले राजधानी से बाहर जाने का कार्यक्रम था जिसे शपथ ग्रहण कार्यक्रम के लिए रद्द कर दिया गया है। माना जाता है कि यह मोदी मंत्रिमंडल का आखिरी पुनर्गठन होगा।
बताया गया है कि मोदी आगामी लोकसभा चुनाव के पहले आखिरी बार अपनी मंत्रिपरिषद का नए सिरे से पुनर्गठन करना चाहते हैं। मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में विपक्ष की कड़ी चुनौती को देखते हुए माना जा रहा है कि कई प्रमुख मंत्रियों को भाजपा के संगठन में भेजा जा सकता है तथा उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना एवं बिहार से कुछ नए चेहरों को मंत्रिपरिषद में जगह दी जा सकती है।
इस सिलसिले में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने कई दौर की बैठकें की है। इन बैठकों में मुख्य रूप से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष शामिल रहे हैं। इन तीनों नेताओं ने गत 28 जून को प्रधानमंत्री मोदी के साथ भी विचार मंथन किया था। इन बैठकों के बाद मंत्रिपरिषद में पुनर्गठन की अटकलों को बल मिला।
मोदी ने पिछले सप्ताह तीन जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन शाम को परंपरा से हट कर राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में नवनिर्मित सम्मेलन स्थल पर अपनी मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ लंबी बैठक की थी। मोदी ने नीतिगत मुद्दों के साथ ही आगामी चुनावों के बारे में भी चर्चा की थी। उन्होंने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को चुनाव के लिए खुद रणनीति बनाने एवं जीत का दायित्व लेने का भी संकेत किया था।
चूंकि भाजपा में भी नड्डा को दोबारा पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद नई कार्यकारिणी बनाना लंबित है। इसलिए संगठन में भी व्यापक परिवर्तन होने की खबर है। सूत्रों के अनुसार कुछ मुखर मंत्रियों को संगठन में शामिल किया जाना है जिन्होंने अलग अलग चुनावों में अपनी राजनीतिक दक्षता का परिचय दिया है। समझा जाता है कि सरकार एवं संगठन में परिवर्तन एक साथ अथवा आसपास ही होगा।
विपक्षी दलों की तैयारियों को देखते हुए भाजपा ने राजग को फिर से मजबूत करने के लिए कवायद शुरू की है। अठारह जुलाई को दिल्ली में राजग की बैठक बुलाई है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में शिरोमणि अकाली दल की ओर से सुखबीर बादल, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान और तेलुगु देशम पार्टी के एन चंद्रबाबू नायडू भी शामिल हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने आखिरी बार अपनी मंत्रिपरिषद में फेरबदल और विस्तार वर्ष 2021 में किया था, जिसमें 36 नए चेहरों को मंत्री बनाया था, जबकि 12 तत्कालीन मंत्रियों की पद से छुट्टी कर दी थी। जिन मंत्रियों की छुट्टी की गई थी, उनमें डीवी सदानंद गौड़ा, रविशंकर प्रसाद, रमेश पोखरियाल निशंक, प्रकाश जावड़ेकर, संतोष गंगवार, बाबुल सुप्रियो, हर्षवर्धन प्रमुख थे।
इस मंत्रिपरिषद विस्तार में मोदी ने अश्विनी वैष्णव, ज्योतिरादित्य सिंधिया और भूपेंद्र यादव जैसे नेताओं को शामिल किया था, जबकि अनुराग ठाकुर, किरेन रिजीजू और मनसुख मांडविया को पदोन्नत किया था।