प्रतापगढ़। भारतीय जनता पार्टी के सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने प्रतापगढ़ जिले के धरियावद क्षेत्र में महिला के साथ दुर्व्यवहार मामले में पीड़िता को काउंसलिंग की आड़ में पीड़िता सहित उनके परिजनों को बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए इस मामले में अलवर जिले के थानागाजी सामूहिक दुष्कर्म मामले की तरह पैकेज देने एवं पीड़िता से मिलने देने की मांग करते हुए रविवार को धरने पर बैठ गए।
मीणा धरियावाद थाने के सामने स्थानीय लोगों के साथ मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। उन्होंने मीडिया को बताया कि इस मामले को लेकर दिए जाने वाले सहायता पैकेज में भेदभाव नहीं करे। पैकेज में 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, सरकारी नौकरी के साथ पक्का मकान भी देना चाहिए। जिस तरह थानागाजी मामले पीड़िता को पुलिस की नौकरी एवं जयपुर में 35 लाख का मकान दिया गया था, आर्थिक सहायता अलग।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पीड़िता और उसके परिवार से हमको मिलने नहीं दिया जा रहा है, काउंसलिंग की आड़ में पीड़िता सहित उनके परिजनों के बंधक बना रखा है उन्हें छोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आदिवासी बेटी के पैकेज में भेदभाव ना करके 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, सरकारी नौकरी, रहने के लिए पक्का मकान की तुरंत प्रभाव से घोषणा करें।
उन्होंने कहा कि उन्हें पीड़िता से मिलने दिया जाए। उन्होंने बताया कि एक और आदिवासी बेटी उनके पास बैठी है जिसका अपहरण कर तीन लाख रुपए में बेच दिया गया। जब वह दो महीने बाद वापस आकर नामजद मुकदमा दर्ज कराने बाद भी चार आरोपी अभी तक नहीं पकड़े गए हैं। सरकार कहती हैं कि वह ऐसे मामलों में दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता देती है, इस आदिवासी बेटी को एक रुपया नहीं मिला।
मीणा ने कहा कि प्रदेश में दलितों, आदिवासी महिलाओं पर अत्याचार चरम सीमा पर है, कानून व्यवस्था चौपट है। उन्होंने बताया कि उन्होंने राज्यपाल के नाम पत्र लिखा है जिसमें अनुरोध किया गया है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बड़ी लचर है और वह बंद से बदतर हो गई है इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बर्खास्त किया जाए।