नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में विघानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद रविवार को वहां पर लागू राष्ट्रपति शासन हटाने की घोषणा की।
इस निर्णय के साथ राज्य में नई सरकार के गठन का मार्ग खुल गया है। जम्मू कश्मीर में 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए हाल में सम्पन्न चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के गठबधन को स्पष्ट बहुमत मिला है। नेशनल कांफ्रेंस 42 सीटों पर और कांग्रेस पार्टी 6 सीटों पर विजय हुयी है। भारतीय जनता पार्टी 29 सीटों के साथ दूसरे सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है।
नेशनल कांफ्रेंस ने पूर्व मुख्यमंत्री और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव किया है। उन्हें श्रीनगर में बुधवार को शपथ दिलाई जा सकती है।
गृह मंत्रालय के जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना में जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन हटाने के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के आदेश की घोषणा की गई है।
आदेश में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में मुख्यमंत्री की नियुक्ति से तुरंत पहले इस केन्द्र शासित क्षेत्र में लागू 31 अक्टूबर 2019 का आदेश हट जाएगा।
पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य को जम्मू कश्मीर और लद्दाख -दो केन्द्र शासित प्रदेश गठित किए जाने के पश्चात राष्ट्रपति ने 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू कश्मीर पनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 73 और संविधान की धारा 239 और 239ए के तहत 31 अक्टूबर 2019 को राष्ट्रपति शासन लागू किया था।
राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे और केन्द्र सरकार ने वहां 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त करते हुए राज्य के पुनर्गठन संबंधी नए अधिनियम लागू कर दिए।