उदयपुर/जयपुर। राजस्थान के उदयपुर जिले में नरभक्षी बघेरे द्वारा लगातार लोगों पर हमला कर जन हानि पहुंचाने एवं उसके पकड़ में नहीं आने के कारण उसे मारने की अनुमति दी गई हैं।
उदयपुर जिले में उप वन संरक्षक उदयपुर (उत्तर) क्षेत्र के अधीन छाली, बगदुन्डा, मजावद, मदार एवं सुआवतो का गुडा गांव में नरभखी बघेरे के हमले में अब तक गत 18 सितंबर से आज तक सात लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पवन कुमार उपाध्याय ने मंगलवार को इस नरभक्षी बघेरे को सशर्त मारने की अनुमति का आदेश दिया।
आदेश के अनुसार वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 1 एक में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद् द्वारा नरभक्षी बघेरे को मारने की अनुमति जिला प्रशासन एवं जिला पुलिस से सहयोग प्राप्त करते हुए उप वन संरक्षक उदयपुर उत्तर को शर्तों के अधीन प्रदान की गई हैं। जिसमें सबसे पहले इस बघेरे को ट्रेंक्यूलाईज एवं ट्रेप करने का प्रयास किया जाना है। बघेरे को मारने से पहले उसकी सही पहचान सुनिश्चित करनी हैं। इसके अलावा इस संबंध में प्रतिदिन रिपोर्ट कमेटी एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजस्थान को प्रेषित करनी हैं।
बघेरे ने गत 18 से 20 सितंबर तक तीन दिन लगातार हमला कर तीन लोगों की जान लेने के बाद 25, 28 एवं 30 सितंबर तथा एक अक्टूबर को और हमला कर दिया जिससे चार लोगों की मौत हो गई। बघेरे के लगातार हमला कर जन हानि पहुंचाने के बाद संभागीय मुख्य वन संरक्षक उदयपुर द्वारा गत 29 सितंबर को एक कमेटी का गठन किया गया।
बघेरे को पकड़ने के लिए उदयपुर (उत्तर) अधीन समस्त क्षेत्रीय वन अधिकारी मय स्टॉफ, क्षेत्रीय वन अधिकारी वन्य जीव जयसमंद, कुंभलगढ़, बोखाड़ा एवं ट्रैक्यूलाईजिंग टीम वन्यजीव उदयपुर ,जोधपुर, राजसमंद को लगाया गया। वन विभाग एवं जिला पुलिस के अथक प्रयासों के बावजूद इस बघेरे को प्रकड़ना एवं ट्रैंक्यूलाईज करना संभव नहीं हो पाया और बघेरे द्वारा लगातार मानव शिकार की घटनाएं कारित की जा रही है। इसके बाद इस बघेरे को मारने की स्वीकृति चाही गई।
बघरे को पकड़ने के लिए कई स्थानों पर पिंजरे लगाए गए जिनमें चार अन्य बघेरे ट्रेप हुए। कमेटी द्वारा विचार विमर्श कर इस बघेरे द्वार लगातार की जा रही जनहानि को ध्यान में रखते हुए बघेरे को मारा जाना उपयुक्त बताया गया।
सोमवार को उदयपुर में अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव जयपुर, जिला कलक्टर उदयपुर, पुलिस अधीक्षक उदयपुर, मुख्य वन संरक्षक उदयपुर, उप वन संरक्षक उदयपुर (उत्तर), उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, उदयपुर वन्यजीव के साथ इस घटनाक्रम के बारे में विचार विमर्श कर समस्त पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह सहमति बनी कि ग्राम पंचायत छाली, बगरुन्दा, मदार, मजावत में यह बघेरा मानव शिकार का अभयस्त हो चुका है जिसे पकड़ना, ट्रैंक्यूलाईज करना एवं अन्यत्र छोड़ना संभव नहीं है। इस कारण कमेटी द्वारा प्रेषित अभिशंषा अनुसार लोगों की जान की सुरक्षा के मद्देनजर इस बघेरे को मारा जाना उचित होगा। इसके बाद सशर्त इसे मारने के आदेश जारी कर दिए गए।
तेंदुए के हमले से महिला की मौत, अब तक हुई सात मौतें
उदयपुर जिले के गोगुन्दा थाना क्षेत्र में आदमखोर तेंदुए ने मंगलवार को एक महिला पर और हमला कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई। तेंदुए के हमले में अब तक सात लोगों की मृत्यु हो चुकी है। पुलिस ने बताया कि क्षेत्र के सुआवतों का गुडा में आज सुबह कमला कंवर राजपूत (50) मवैशी को चारा डालना बाड़े में गई थी। इसी दौरान घात लगाकर बैठे तेंदुए ने उसे दबोच लिया। इस पर ग्रामीणों के शोर मचाने पर तेंदुए भाग गया।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को भी क्षेत्र में तेंदुए ने हमला कर हनुमान मंदिर के पुजारी विष्णु गिरी महाराज को अपना शिकार बनाया था। घटना से आक्रोशित लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग जाम किया लेकिन उपखंड अधिकारी डा नरेश सोनी एवं थाना प्रभारी शैतान सिंह नाथावत ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाकर कर जाम खुलवाया।
इस क्षेत्र में तेंदुए के लोगों पर हमला करने से दहशत बनी हुई हैं। तेंदुए ने गत 18 सितम्बर को मवेशी चराने गयी किशोरी कमला भील पर हमला कर उसे क्षेत्र में अपना पहला शिकार बनाया था। इसके बाद यह आदमखोर तेंदुआ लगातार लोगों पर हमला कर रहा है और जिससे अब तक सात लोगों की मौत हाे चुकी है।