शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी के एक निजी बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर ने ऑनलाइन गेम के चक्कर में 68 खाता धारकों के 3.80 करोड़ रुपए डूबो दिए। मैनेजर ने खाताधारकों से म्यूचल फंड में निवेश करने के नाम पर पैसे लिए थे। इसका खुलासा तब हुआ जब खाताधारकों को तीन गुना रिटर्न नहीं आया।
उन्होंने मैनेजर से बात की तो रिटर्न आने की बात करता रहा। इससे खाताधारकों को ठगी का अहसास हुआ और इसकी शिकायत बैंक के बड़े अधिकारी को दी। मामले की जांच की गई तो करोड़ों की ठगी का खुलासा हुआ। यह मामला निजी बैंक की कसुम्पटी शाखा में साल 2022 का है। इसमें पहली एफआईआर 12 जनवरी 2023 में दर्ज की गई थी तथा गिरफ्तारी गुरुवार शाम को हुई।
आरोपी अरविंद (32) पुत्र राम सिंह मकान नंबर-8 ब्लाक नंबर-2 सेक्टर-1 परमाणु का रहने वाला है। मैनेजर ने खाताधारकों को प्रलोभन दिया था कि इस राशि का म्यूचल फंड में निवेश करने जा रहा है। इससे तीन गुना रिटर्न मिलेगा। खाता धारक बैंक मैनेजर के झांसे में आ गए और अपने खून पसीने की कमाई मैनेजर को दे दी। खाताधारकों को इस बात की जरा भी भनक नहीं लगी कि मैनेजर ऑनलाइन गेम के चक्कर में उनके पैसे लूटा देगा। इसका खुलासा तब हुआ जब खाताधारकों को तीन गुना रिटर्न नहीं आया।
उन्होंने मैनेजर से बात की तो रिटर्न आने की बात करता था। इससे खाताधारकों को ठगी का अहसास हुआ और इसकी शिकायत बैंक के बड़े अधिकारी को दी। इसके बाद बैंक के तत्कालीन बैंक मैनेजर सुमित डोगरा ने इसकी छोटा शिमला थाना में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले में करीब 70 खाताधारकों सहित बैंक के अफसरों के बयान लेने लिए वीरवार देर शाम बैंक मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल, वह पुलिस रिमांड पर चल रहा है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले के हर पहलुओं पर बारीकी से जांच की जा रही है।
खाताधारकों को विश्वास में लेने के लिए दिए थे फर्जी बांड
आरोपी साल 2016 में कसुम्पटी में एक निजी बैंक की शाखा में बतौर रिलेशनशिप मैनेजर कार्यरत था। इसका कार्य बैंक के लिए ग्राहक संबंध बनाने में मदद करना और ग्राहकों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप उत्पादों तथा सेवाओं के बारे में सलाह देने का था। वर्ष 2023-24 में मामले की जांच की तो करोड़ों की ठगी का खुलासा हुआ।
आरोपी मैनेजर ने पूछताछ में बताया कि ऑनलाइन गेम की एक ऐप में वह कई सालों से पैसे लगा रहा था। खाताधारकों को झांसा दिया कि यह राशि म्यूचल फंड में लगा रहा हूं। इस दौरान बैंक के कई खाताधारकों ने उसे एक लाख तो कई खाताधारकों ने 40 लाख तक दिए हैं, उसने सारे पैसे गेम में लगा दिए। पुलिस जांच के मुताबिक आरोपी ने खाताधारकों का विश्वास में लेने के लिए फर्जी बांड दिए थे।